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1000 और 800 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा टमाटर और आलू… बच्चों को नाश्ता ना देना पड़े इसलिए दोपहर तक सुला रहे मां बाप… चूल्हे पर खाना बना रहे लोग… ऐसा है श्रीलंका का हाल…

इम्पैक्ट डेस्क.

पूरी दुनिया ने देख लिया किस तरीके से श्रीलंका के लोगों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। अब न तो देश में राष्ट्रपति हैं और न ही कानून व्यवस्था जैसी कोई स्थिति। जो तस्वीरें पूरी दुनिया देख रही है दरअसल वह लोगों की नाराजगी है। लेकिन इन सबसे हटकर एक और तस्वीर श्रीलंका में बनी हुई है, जो वहां के लोगों को दाने-दाने का मोहताज बना रही है। हालात यह हो गए हैं कि श्रीलंका में इस वक्त 1000 रुपये किलो टमाटर और 800 रुपये किलो आलू बिक रहा है। लोगों को न गैस मिल रही है और न ही बिजली। लोग लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं।

कोलंबो के स्थानीय नागरिकों ने अपने देश की राजधानी की सड़कों पर बिगड़े हालात की वीडियो बनाकर भेजीं। रविवार रात आठ बजे तक कोलंबो के गोटा इलाके में लोगों का हुजूम उमड़ रहा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रीलंका के हालात चीन के बहकावे में आए श्रीलंका सरकार के गलत फैसलों की वजह से हुआ है।

श्रीलंका की राजधानी कोलंबो के पॉश इलाके गोटा सर्किल में रहने वाले जनक सिंघे कहते हैं कि आखिर श्रीलंका की जनता राष्ट्रपति भवन में क्यों ना घुसे। क्योंकि उनको और उनके पूरे देश की जनता को सरकारी नुमाइंदों ने ऐसे मझधार में छोड़ दिया है कि उनके पास अब जीने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा। जनक कहते हैं कि गैस सिलेंडर के लिए चार महीने की लंबी वेटिंग लिस्ट है। वह कहते हैं क्या ऐसा संभव है कि एक सिलेंडर चार महीने तक चले। नतीजा यह हो रहा है कि वह अपने घरों में लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं। जनक ने अमर उजाला डॉट कॉम को अपने घर में लकड़ी के चूल्हे की तस्वीर भेज कर कहा कि आप खुद हालात का अंदाजा लगा सकते हैं। जनक के पड़ोसी निशांता कहते हैं कि श्रीलंका में इस वक्त जनता विद्रोह सिर्फ इसीलिए कर रही है कि उसे बिजली-पानी, राशन, पेट्रोल-डीजल कुछ भी नहीं मिल रहा है। निशांता कहते हैं कि जिन हालातों में श्रीलंका को पहुंचाया गया है और देश के जिम्मेदार लोग श्रीलंका छोड़कर भाग गए हैं उससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां के हालात कितने खराब हो सकते हैं।
 

निशांता की पत्नी हेमा निशांता कहती हैं कि कोलंबो के बाजार में इस वक्त टमाटर की कीमत 1000 रुपये किलो तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि रविवार को बाजार में आलू 700 रुपये किलो और गोभी 800 रुपये किलो मिल रही थी। उनका कहना है कि इतनी महंगाई में भला कोई कैसे अपना जीवन चला सकता है। वह कहती हैं कि जब देश को संभालने वाला कोई नहीं बचा है, तो इस महंगाई को रोकने में भला कोई कैसे सक्षम होगा। उन्होंने बताया कि उनके कुछ रिश्तेदार मालदीव में रहते हैं। उन्होंने अपने रिश्तेदारों से गुजारिश की है कि जैसे-तैसे वह उन्हें श्रीलंका से निकालकर वहां बुला लें। कोलंबो के ही निवासी विक्कू ने अमर उजाला डॉट कॉम को बताया कि उनके परिवार के कुछ लोग पहले से थाईलैंड में हैं। अब वह अपने पूरे परिवार को वहां ले जाना चाहते हैं ताकि उनकी ढंग से गुजर-बसर हो सके। हालांकि विक्कू इस बात के लिए परेशान हैं कि जो उनकी प्रॉपर्टी कोलंबो में है वह बिक नहीं रही है। उन्होंने कहा कि जो सामान उन्हें खरीदना है उसकी कीमत इतनी ज्यादा है कि वह खरीद नहीं सकते और जो प्रॉपर्टी व बेचना चाहते हैं उसकी कीमत ही उनको नहीं मिल पा रही है।

कोलंबो के ही स्थानीय व्यापारी राजन बताते हैं कि इस वक्त हर श्रीलंका का नागरिक अपना देश छोड़कर बाहर भागना चाहता है। क्योंकि जो हालात हैं वह श्रीलंका में रहने लायक नहीं बचे हैं। उन्होंने बताया कि आज जो श्रीलंका के हालात हैं वह चीन की वजह से पैदा हुए हैं। राजन कहते हैं कि कोलंबो से चार किलोमीटर दूर गोल फेस नाम की एक जगह है, जहां पर चीन ने एक बहुत बड़ा मार्केट बनाना शुरू किया है। वह कहते हैं कि श्रीलंका के ऊपर एक तरीके से चीन का कब्जा हो चुका है। क्योंकि श्रीलंका ने चीन के ऊपर आंख मूंदकर भरोसा किया और चीन ने श्रीलंका को इतने ज्यादा कर्जे में डाल दिया कि आज श्रीलंका की हालत दुनिया के सबसे बदतर देशों में हो गई है। राजन कहते हैं कि अगर ऐसे हालात में कोई देश को संभालने वाला नहीं होगा, तो देश किधर जाएगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। वह कहते हैं कि कोई 1000 रुपये खर्च कर एक किलो आलू कैसे खरीद कर खा सकता है। उन्होंने बताया कि चह महीने पहले श्रीलंका के बाजारों में सवा सौ रुपये किलो मिलने वाला आटा इस वक्त 400 से 500 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। पेट्रोल की कीमत साढ़े चार सौ रुपये लीटर के करीब पहुंच गई है। वह कहते हैं कि जिस इलाके में वे रह रहे हैं, वहां पर दिन में बमुश्किल दो से तीन घंटे बिजली आ रही है। पूरा इलाका अंधेरे में डूबा रहता है।

 

इस वक्त भी कोलंबो के गोटा हाउस में जबरदस्त भीड़ है। हजारों की संख्या में लोग राष्ट्रपति भवन के अंदर मौजूद हैं। अमर उजाला डॉट कॉम को स्थानीय नागरिकों ने अभी थोड़ी देर पहले ही एक वीडियो बनाकर भेजा, जिसमें सड़कों पर मौजूद भीड़ गोटा हाउस की ओर बढ़ती हुई दिख रही है। स्थानीय नागरिक जनक बताते हैं कि लोगों के लिए खाने-पीने का संकट बना हुआ है। इसलिए श्रीलंका के जो धनाढ्य लोग हैं उन लोगों ने गरीबों को गोटा हाउस में ही लंगर चलाकर खाने का बंदोबस्त कर दिया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ लोगों के पास तो अपना राशन बचा हुआ है, लेकिन उसके खत्म होने के बाद भुखमरी और बीमारी बहुत तेजी से बढ़नी शुरू होगी।