इस दीपावली को गोबर के दीयों से जगमगायेगा बस्तर…महिलाओं के द्वारा बनाए जा रहे दीये…
इम्पेक्ट न्यूज़. सुकमा।
एक ओर जहां गोधन न्याय योजना के तहत गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बना कर किसान भाइयों को खेत की उर्वरा क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी उसी के साथ अब राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूह की महिलाएं भी गोबर से दीये बनाने जा रही हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा दीपावली पर्व को ध्यान में रखते हुए गोबर का इस्तेमाल कर दीये बनाना एवं उनका विक्रय कर स्व सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य के तहत सुकमा नगर पालिका परिषद में स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं गोबर से दीये बना रही हैं, जो नगर में ही नहीं बस्तर के विभिन्न हिस्सों को दीपावली में रोशन करेंगे। सुकमा नगरपालिका क्षेत्र के कुम्हारास कि महिलाएं गोबर से दीया बनाने के कार्य में जुट गई हैं।
चार समूह की महिलाएं दे रही हैं दीयों को आकार
महिलाओं ने बताया कि चार अलग अलग समूह की महिलाएं मिलकर दीपावली त्योहार में शहर के साथ ही पूरे बस्तर को रोशन करने में अपना योगदान दे रहीं हैं। गंगाजनी, महालक्ष्मी, बम्लेश्वरी और मां अम्बे स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं अपने दैनिक कार्यों से थोड़ा समय निकालकर इन दीयों को आकार दे रहीं हैं। बम्लेश्वरी समूह से जुड़ी श्रीमती सनमती पांडे ने बताया कि उन्हें दीये बनाने में बहुत खुशी हो रही है। महिलाओं ने इस बात पर हर्ष जताया कि दीया बनाने से आर्थिक लाभ के साथ ही उनके घरों में भी दीपावली की खुशियां दोगुनी हो जाएंगी।
प्रतिदिन 1000 दीयों का है लक्ष्य
महालक्ष्मी समूह से जुड़ी श्रीमती सुदन पांडे ने बताया कि उन्होंने आपस में ही प्रति महिला प्रतिदिन 100 दीये बनाने का लक्ष्य रखा है, इस प्रकार यदि 10 महिलाएं भी एक साथ दीये बनाएं तो प्रतिदिन 1000 दीयों को अपने हाथों से आकर दे पाएंगी। उन्होंने बताया कि सुबह सभी महिलाएं अपने घर के दैनिक कार्यों को पूरा कर अपने मोहल्ले के इमली पेड़ की छांव में एकत्रित हो जाती हैं। वहां वे दीये बनाने का कार्य करती हैं। सबसे पहले वे गोबर और अच्छी मिट्टी का मिश्रण तैयार करती हैं, जिसके उपरांत वे हाथों से या चाक की मदद से दीयों को आकार देती हैं। एक दीया बनाने में लगभग डेढ़ से दो मिनट का समय लगता है।
सुकमा के साथ-साथ बस्तर में भेजे जाएंगे दिए- सीएमओ
मुख्य नगर पालिका अधिकारी आशीष कुमार कोर्राम ने बताया कि इस वर्ष दीपावली त्योहार के लिए मिट्टी एवं गोबर की सहायता से शहर के महिला स्व सहायता समूहो के माध्यम से दीये तैयार करने तथा उनके विक्रय की व्यवस्था किया जाना है, इसी क्रम में समूह की महिलाओ को गोबर एवं मिट्टी से दीये बनाने का प्रशिक्षण राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से दिया गया। जिसमे प्रारंभिक स्तर पर गोबर से निर्मित 8000 दीये तैयार करने करने का कार्य महिला समूहों द्वारा किया जा रहा है। महिलाओं द्वारा निर्मित इन दीयों को सुकमा नगर के साथ साथ बस्तर के अन्य क्षेत्रों में भी भेजा जाएगा।