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मिशन कश्मीर पर महामंथन खत्म, तीन घंटे तक चली बैठक 14 नेता शामिल हुए… देखें तस्वीर

इम्पेक्ट न्यूज डेस्क।

जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की बैठक खत्म हो गई है। कश्मीर के करीब 14 नेताओं के साथ पीएम मोदी की यह बैठक करीब 3 घंटे तक चली। इस मीटिंग की शुरुआत में संसदीय कार्य मंत्री ने आर्टिकल 370 हटने के बाद से अब जम्मू-कश्मीर में हुए विकास कार्यों को लेकर प्रजेंटेशन दिया।

बैठक को लेकर सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक मतभेद होंगे लेकिन सभी को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी के लिए सेफ्टी और सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि वह ‘दिल्ली की दूरी’ और ‘दिल की दूरी’ को मिटाना चाहते हैं।

पीएम ने जम्मू-कश्मीर में विकास की गति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि यह लोगों में नई आशा और आकांक्षाएं पैदा कर रहा है। पीएम ने कहा कि जब लोग भ्रष्टाचार मुक्त शासन का अनुभव करते हैं, तो यह लोगों में विश्वास जगाता है और लोग प्रशासन को अपना सहयोग भी देते हैं और यह आज जम्मू-कश्मीर में दिखाई देता है।

पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक मतभेद होंगे लेकिन सभी को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी के लिए सेफ्टी और सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि वह ‘दिल्ली की दूरी’ और ‘दिल की दूरी’ को मिटाना चाहते हैं।

इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सबको संबोधित किया। इससे पहले जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने पीएम मोदी संग मीटिंग से पहले कहा कि हम फिलहाल 370 को लेकर बात नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल हम इसके बारे में बात नहीं करेंगे।

5 अगस्त, 2019 को राज्य के पुनर्गठन के बाद से ही जम्मू-कश्मीर के लोग तनाव में हैं।’ 5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 और 35A हटाए जाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद पीएम मोदी की राज्य के सभी दलों के नेताओं के साथ यह पहली मुलाकात हो रही है।

प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर करीब तीन घंटे से ज्यादा देर तक चली इस बैठक में पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्री और चार पूर्व उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। हालांकि, इस बैठक में किन-किन मुद्दों पर चर्चा की गई, इसका कोई आधिकारिक विवरण नहीं आया है, मगर बैठक के बाद इसमें शामिल नेताओं ने की प्रतिक्रिया आ गई है, जिसमें उन्होंने बताया है कि बैठक में आखिर क्या-क्या हुआ।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने बैठक में 5 मांगें रखीं- राज्य का दर्जा जल्द दें, लोकतंत्र बहाल करने के लिए विधानसभा चुनाव कराएं, जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए और अधिवास नियम। उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी नेताओं ने  पूर्ण राज्य की मांग की।

पीएम मोदी की जम्मू-कश्मीर नेताओं की मुलाकात पर जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी ने कहा कि वार्ता आज अच्छे माहौल में हुई। प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं के मुद्दे सुने। पीएम ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी। पीएम ने सभी को परिसीमन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए कहा। हमें भरोसा दिलाया गया है कि यह चुनाव का रोडमैप है। पीएम ने यह भी कहा कि हम राज्य की बहाली के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने कहा कि बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई। हम बैठक से काफी सकारात्मक निकले हैं। हमें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कुछ बेहतर होगा। वहीं, सूत्रों ने बताया कि सरकार परिसीमन प्रक्रिया के बाद चुनाव कराने के पक्ष में है।

 पीएम आवास पर हुई बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर भी शामिल हुए थे।  इनके अलावा बैठक में पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग, पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी सहित कुछ अन्य नेता मौजूद थे।

भाजपा की ओर से बैठक में शामिल होने के लिए जम्मू एवं कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और निर्मल सिंह भी प्रधानमंत्री आवास पहुंचे। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा, गृह सचिव अजय भल्ला और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभल मौजूद  थे। 

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की। बैठक से एक दिन पहले ही परिसीमन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जम्मू-कश्मीर के सभी उपायुक्तों के साथ मौजूदा विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन और सात नयी सीटें बनाने पर विचार-विमर्श किया था। परिसीमन की कवायद के बाद जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी।

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