रैली-धरना पर सरकार की सख्ती का पूर्व वन मंत्री ने किया विरोध… गागड़ा ने कहा-अंग्रेजों का रॉलेट एक्ट है नई गाइडलाइन…
इंपैक्ट डेस्क.
बीजापुर। प्रदेश में रैली-धरना को लेकर सरकार की नई गाइडलाइन की पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने अंग्रेजों के रॉलेट एक्ट से तुलना की है। अपने बयान में गागड़ा का कहना है कि सरकार ने जैसा नियम निकाला है, वह गुलाम भारत में रॉलेट एक्ट जैसा है। सबको अपने अधिकार, हक के लिए रैली-जुलूस की एक स्वतंत्र व्यवस्था पहले थी, उस पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका भाजपा पुरजोर विरोध करती है। अटल सदन में पत्रवार्ता ले रहे महेश गागड़ा ने जिले में भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर क्षेत्रीय विधायक पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की तरफ से लगातार आरोप लगाए जा रहे थे, राज्य युवा आयोग सदस्य अजय सिंह के आरोपों ने उसे साबित कर दिया है। वो चाहे चौदहवें वित्त का मामला हो, नगर पंचायत का मामला हो, भाजपा की तरफ से लगाए गए सभी आरोप अब सच साबित हो रहे हैं। क्षेत्र के विधायक सिर्फ कमीशन, पार्टनरशिप में मशगुल होकर बीजापुर की जनता का शोषण कर रहे हैं।
भ्रष्टाचार करने विधायक ने यात्री प्रतीक्षालय तक को नहीं बख्शा, फलेक्सी लगाकर लाखों रूपए के भ्रष्टाचार को विधायक द्वारा अंजाम दिया गया। जनता के विकास के पैसे को विधायक अपनी प्राइवेट मनी समझ बैठे है, एक-एक पैसे की जांच होनी चाहिए, लेकिन प्रषासन भी मुकदर्शक बनी हुई है, हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूल को आत्मानंद में परिवर्तित करने से पहले बच्चों को व्यवस्थित कैसे किया जाएगा, उसकी कोई स्पष्ट गाइडलाइन तक प्रशासन के पास नहीं है। वही सीएम के विधायकों को सुधरने का अवसर जैसे बयान पर गागड़ा ने कहा कि उनके विधायक सुधरने वाले नहीं हैं, वे जेबे भर रहे हैं, वो चाहे बीजापुर के हो या किसी अन्य विधानसभा के । भ्रष्टाचार इनके लिए शिष्टाचार बन गया है।
रायडु को खरोच भी आई तो विधायक-एसपी जिम्मेदार
भाजपा उपाध्यक्ष लव कुमार रायडु की सुरक्षा हटाए जाने की निंदा करते हुए गागड़ा ने कहा कि किसी भी सूरत में रायडु की सुरक्षा नहीं हटाई जानी चाहिए थी। जब वे कांग्रेस में थे तब सुरक्षागत कारणों से उन्हें खुद पुलिस कई जगहों पर जाने से रोकती थी। भाजपा प्रवेश के बाद यकायक सुरक्षा हटाया जाना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित प्रतीत होता है। गागड़ा ने कहा कि भविष्य में रायडु को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो इसके लिए जिम्मेदार विधायक-एसपी होंगे। ऐसी किसी स्थिति में भाजपा विधायक-एसपी के विरूद्ध एफआईआर कराने बाध्य होगी।