नक्सली विलेन बसवराजू का शव भी परिवार को नहीं मिलेगा
नई दिल्ली
जिंदगीभर जंगलों में छिपते हुए मारकाट मचाने वाले नक्सली नेता नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू का अंतिम संस्कार भी गुपचुप ही होगा। 22 मई को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में हुए एनकाउंटर में ढेर किए गए बसवराजू के शव को पुलिस परिवार के हवाले नहीं करना चाहती है। आतंकवादियों की तरह उसका अंतिम संस्कार करने की तैयारी है। दरअसल पुलिस नहीं चाहती है कि नक्सली विलेन को 'हीरो' बनाने का कोई मौका उसके समर्थकों को मिले।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक बसवराजू की एक सौतेली मां और भाई आंध्र प्रदेश के श्रीक्कुलम जिले में रहते हैं। उसके भाइयों और कुछ रिश्तेदारों ने शव पाने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस से संपर्क किया है। पुलिस दावों की जांच कर रही है और अंतिम फैसला लेने से पहले हर पहलू पर विचार किया जा रहा है।
रिपोर्ट में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिले संकेत के आधार पर बताया गया है कि पुलिस बसवराजू का अंतिम संस्कार उसी तरह कर सकती है जिस तरह 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के मारे जाने के बाद किया जाता है। वहां किसी स्थानीय आतंकवादी के एनकाउंटर के बाद शव को परिवार के हवाले नहीं किया जाता है और पुलिस अज्ञात स्थान पर दफनाती है। परिवार के कुछ सदस्यों को ही इसमें शामिल होने की इजाजत होती है।
दरअसल, वहां देखा गया था कि आतंकवादियों के जनाजे के जरिए भावनाओं को उभारने और नापाक साजिशों को मौका मिलता था। उन्हें हीरो की तरह पेश करके कट्टरता और लोकल भर्ती को बढ़ाने की कोशिश होती थी। रिपोर्ट में एक सरकारी पदाधिकारी के हवाले से बताया गया है, 'हम एक बीच का रास्ता अपना सकते हैं और बसवराजू के शव पर दावा कर रहे उसके कुछ परिजनों को अंतिम संस्कार में शामिल किया जा सकता है और किसी सुरक्षित स्थान पर उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे कानून व्यवस्था की स्थिति प्रभावित नहीं होगी और उसे हीरो बनाने की कोशिश ना हो।' मुठभेड़ में बसवराजू के समेत 27 आतंकवादी ढेर किए गए थे। सरकार ने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त बनाने की घोषणा की है।