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भाजपा के पूर्व विधायक शहीद भीमा मंडावी की बड़ी बेटी ने की आत्महत्या… मृतक दीपा के साथ हादसों की शृंखला में भीमा मंडावी के परिवार में चौथी मौत…

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इम्पेक्ट न्यूज़। रायपुर/दंतेवाड़ा।

भाजपा के पूर्व विधायक शहीद भीमा मंडावी की बड़ी बेटी दीपा मंडावी ने आत्महत्या कर ली है। वे निजी पीजी में रह रहीं थीं वहाँ फाँसी लगाकर आत्महत्या की सूचना गणतंत्र दिवस की शाम को दंतेवाड़ा पहुँची। इस सूचना के बाद पूरा माहौल गमगीन बना हुआ है। माँ ओजस्वी मंडावी सूचना मिलने के बाद देहरादून के लिए रवाना हो गई हैं। मृतक दीपा के साथ हादसों की शृंखला में भीमा मंडावी के परिवार में चौथी मौत है।

भाजपा से टिकट पाने से पहले भीमा मंडावी दंतेवाड़ा जनपद पंचायत में बतौर पंचायत सचिव पदस्थ थे। यह वही समय था जब नेता प्रतिपक्ष रहे महेंद्र कर्मा के ख़िलाफ़ भारतीय जनता पार्टी को एक नया चेहरा चाहिए था। तब पंचायत सचिव रहते बजरंग दल के साथ जुड़कर हिंदुत्व वादी संगठन में सक्रिय भीमा मंडावी पहली पसंद बने।

उनके लिए भाजपा नेताओं अनूप सूद, विजय तिवारी और शिवदयाल सिंह तोमर की तिकड़ी ने बस्तर में भाजपा के सबसे बड़े नेता सांसद बलिराम कश्यप से पैरवी की। भीमा की क़िस्मत खुली और उन्होंने नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा को पराजित करके दिखा दिया।

इसके बाद भाजपा विधायक भीमा मंडावी का राजनीतिक करियर जहां शानदार तरीके से आगे बढ़ता रहा, वहीं उनका व्यक्तिगत जीवन दर्द और तकलीफ भरा था। भीमा मंडावी की पत्नी की वर्ष 2012 में सड़क हादसे में मौत हो गई। उसके अगले ही साल बेटी ने भी 2013 में आत्महत्या कर ली। 2013 में क़िस्मत ने पलटी खाई और झीरम में माओवादियों के हमले में शहीद महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती से पराजित हो गए।

इस बीच दो साल बाद 2015 में मंडावी ने ओजस्वी से दूसरी शादी की। विधायक मंडावी के चार बच्चे थे। 2018 में भीमा ने कड़ी मेहनत की और अपनी राजनीतिक ज़मीन फिर हासिल की और देवती को विधानसभा चुनाव में पराजित कर दिया।

पर एक बार फिर क़िस्मत ने मंडावी परिवार के लिए दुख का पहाड़ खड़ा कर दिया। 2019 में भाजपा सांसद बलिराम कश्यप के निधन से रिक्त सीट पर हो रहे उपचुनाव में मतदान से पहले प्रचार के अंतिम दिन शाम को विधायक भीमा मंडावी अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ माओवादियों के हमले में शहीद हो गए।

अब भीमा मंडावी के निधन के बाद ओजस्वी मंडावी के सामने दो विकल्प थे पहली राजनीति में बने रहकर पति के सपनों को पूरा करना और दूसरा कि सरकारी नौकरी हासिल कर अपने परिवार को सँभालना। वे पति की मौत से ख़ाली हुई सीट से उपचुनाव में उतरीं पर भारी बहुमत से राज्य में सत्ता हासिल करने वाली कांग्रेस के सामने वोट प्रतिशत बढ़ने के बावजूद पराजित हो गईं।

2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ओजस्वी को प्रत्याशी नहीं बनाया तो बड़ी बेटी दीपा ने वीडियो संदेश में भाजपा नेतृत्व की आलोचना की। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद ओजस्वी मंडावी को राज्य महिला आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया। अब ओजस्वी के पक्ष में पिता की विरासत के लिए दबाव बनाने वाली दीपा ने आत्महत्या ने ओजस्वी को बड़ा घाव दे दिया है।

भीमा मंडावी के परिवार में पहली पत्नी से तीन बच्चे हैं इनमें दीपा सबसे बड़ी थीं। ओजस्वी से एक बेटी है। दीपा फ़िलहाल देहरादून में फिजियोथैरेपी की अंतिम वर्ष की छात्रा थीं। दीपा से जुड़ी दुखद ख़बर के बाद पूरे दंतेवाड़ा में माहौल गमगीन है। विधायक चैतराम अटामी समेत तमाम भाजपा नेता उनके निवास पर जुटे।

बिटिया की मौत की सूचना के बाद ओजस्वी मंडावी देहरादून के लिए निकल गई हैं। वे हैदराबाद से होकर हवाई मार्ग से वहाँ पहुँचेंगी। मंडावी परिवार के इस दुःख के समय में कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने देहरादून तक पहुँचने की व्यवस्था की है।