बस्तर के लोक अध्येता हरिहर वैष्णव नहीं रहे
पीयूष कुमार। बस्तर के सबसे बड़े लोक अध्येता हरिहर वैष्णव जी का निधन हो गया है। वे 66 वर्ष के थे। कोंडागांव (छत्तीसगढ़) निवासी हरिहर वैष्णव मूलतः कथाकार और कवि रहे हैं पर उनका सम्पूर्ण लेखन और शोध कर्म बस्तर पर ही केंद्रित रहा है। लोक का साहित्य उसकी वाचिक परम्परा में संरक्षित रहता है ऐसे में उसे लिपिबद्ध करना निश्चित ही महती कार्य है। इस लिहाज से बस्तर की समृद्ध लोक परम्पराओं खासतौर से हल्बी और भतरी भाषा के लोक को हरिहर जी ने विस्तार से लिपिबद्ध करके सुरक्षित
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