पापुनि के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ Eow के FIR पर सुको का स्थगन…
इम्पेक्ट न्यूज डेस्क।
सुप्रीम कोर्ट ने आज पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ दर्ज मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन दे दिया है।
याचिकाकर्ता पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के अधिवक्ता आशुतोष पांडे ने बताया कि याचिकाकर्ता ने प्रदेश के तीन उच्चाधिकारी सौम्या चौरसिया उपसचिव मुख्यमंत्री, अनिल टुटेजा सीनियर IAS, एवं G.P सिंह ADG EOW/ACB को उत्तरवादी बनाते हुए कई आरोप लगाए हैं। मामले की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता मुकुल रोहोतगी एवं उनके साथी अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव, आशुतोष पाण्डेय, शशांक ठाकुर, ए.व्ही.श्रीधर एवं हिमांशु सिन्हा ने की।
अधिवक्ता श्री पांडे ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान EOW/ACB रायपुर में हुए दो Fir 16/2020 एवं 19/2020 के विरूद्ध याचिका पर माननीय सर्वोच्च न्यायलय की तीन जजों की खंडपीठ जिसमे न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर ,न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी एवं न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के समक्ष सुनवाई हुई।
जिसमे मामले की गंभीरता को समझते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों F I R 16/2020 एवं 19/2020 me स्थगन आदेश पारित किया है। सुको नेे कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई तक किसी भी प्रकार से याचिका कर्ता को परेशान ना किया जाए|
याचिका कर्ता के वकील ने बताया कि राज्य के बड़े उच्चाधिकारियों के दबाव में दुर्भावना वश बार बार FIR की जा रही है। जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए स्थगन आदेश जारी किया। यह भी बताया गया कि तीन मामलों में पूर्व में माननीय उच्च न्यायालय से अंतरिम राहत दिए जाने के बावजूद अवमानना करते हुए FIR पंजीबद्ध किया गया। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने अवमानना याचिका की बात भी कही।