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9 साल में 6,000 से ज्‍यादा को बचाया : वेदप्रिया बोली- 16 साल की थीं तब से बन गया सांपों से रिश्‍ता…

इम्पैक्ट डेस्क.

नई दिल्‍ली: वेदप्रिया गणेशन चेन्‍नई की रहने वाली हैं। वह पेशे से पेट स्‍टाइलिस्‍ट हैं। उनके साथ एक और तमगा भी जुड़ा हुआ है। वह है वन्यजीव बचावकर्ता का। वेदप्रिया 16 की थीं तब से उनका सांपों के साथ अलग सा रिश्‍ता बन गया। 9 साल में उन्‍होंने 6,000 से ज्‍यादा सांपों को बचाया है। वेदप्रिया वेस्टर्न घाट वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट की चीफ कॉर्डिनेटर हैं। वह वन्यजीव संरक्षण के बारे में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाती हैं। सांपों के अलावा उन्‍होंने कई अन्‍य वन्‍यजीवों को भी बचाकर उनका पुनर्वास किया है। पारंपरिक रूप से यह पुरुषों के दबदबे वाला क्षेत्र रहा है। लेकिन, वेदप्रिया ने इस क्षेत्र में न केवल अपनी अलग पहचान बनाई है,बल्कि पुरुषों के दबदबे को चुनौती भी दी है।

बचपन से था पशुओं से प्‍यार

बचपन से था पशुओं से प्‍यार

वेदप्रिया का बचपन से पशुओं के साथ अलग तरह का कनेक्‍शन रहा है। बाद में यही उनका पैशन भी बन गया। बाद में वेदप्रिया ने उचित ट्रेनिंग ली ताकि वह वन्‍यजीवों को बचाकर उनका पुनर्वास कर सकें। उन्‍होंने सांपों को पकड़ने की ट्रेनिंग इरुला जनजाति समुदाय के लोगों से ली। इरुला आमतौर पर यह कौशल दूसरों को नहीं सिखाते। इसके लिए आपको उनका विश्वास जीतने की जरूरत होती है। चूंकि आज कई युवा इरुला शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, ऐसे में वे वेदप्रिया को यह कौशल सिखाने के लिए तैयार हो गए। उन्‍होंने वेदप्रिया का बहुत अच्छे से मार्गदर्शन किया। उन्‍होंने कोबरा सांपों को बचाने के लिए कुछ व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी किए।

कॉलेज में रहते हुए ही कई संगठनों से जुड़ गईं

कॉलेज में रहते हुए वेदप्रिया ने पशु कल्याण संगठनों, सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया, ब्लू क्रॉस और बेसेंट मेमोरियल एनिमल डिस्पेंसरी के साथ स्वयंसेवी के तौर पर करना शुरू कर दिया। वेस्‍टर्न घाट वाइल्‍डलाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट (डब्ल्यूजीडब्ल्यूसीटी) के साथ भी वह जुड़ गईं। यहां वह चेन्नई के लिए मुख्य समन्वयक और वन्यजीव प्रबंधन विशेषज्ञ के रूप में काम करती रहीं।

हजारों वन्‍यजीवों को बचा चुकी हैं

हजारों वन्‍यजीवों को बचा चुकी हैं

चूंकि ये संगठन तमिलनाडु वन विभाग के साथ मिलकर काम करते हैं, वेदप्रिया को अक्सर वन्यजीवों के बचाव के लिए बुलाया जाता। उन्होंने अब तक 6,000 से ज्‍यादा सांपों को बचाया है। न जानें कितने और वन्‍यजीवों को ज‍िंदगी दी है। एक बार की बात है। पास की गली में रहने वाला एक जोड़ा उनके घर दौड़ता हुआ आया। उनके घर में जहां उनका बच्‍चा खेल रहा था, वहां एक सांप घुस गया था।

किसी की नहीं हुई अंदर जाने की हिम्‍मत

इस घर के बाहर करीब 50 लोग खड़े थे। लेकिन, कोई भी बच्चे की मदद नहीं कर पा रहा था। जब वह घर में दाखिल हुईं तो यह देखकर हैरान रह गईं कि सांप छिपकली को खाने की कोशिश में लगा हुआ था और बच्चा खुशी से खेल रहा था। छिपकली को खाने के बाद उन्‍होंने सांप को पकड़ लिया। सांपों के अलावा वेदप्रिया ने ने बंदरों, काली पतंगों और अन्य पक्षियों को भी बचाया और उनका पुनर्वास किया है।