सरहडगढ़ महोत्सव: उप-मुख्यमंत्री अरुण साव बोले- मंच पर एक साथ तीन विधायकों का बैठना इतिहास, यहां मेहनती लोग हैं
बालोद.
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम सोरर में कलार समाज ने सरहडगढ़ महोत्सव का आयोजन किया। मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री अरुण साव और मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल शामिल हुए। आयोजन के बीच में ही समाज में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले लोगों का सम्मानित किया गया। उप मुख्यनमंत्री ने कहा, सरकार गांव गरीब किसान के लिए कर रही है, ये इतिहास है कि समाज के मंच पर आज तीन विधायक एक साथ बैठे हुए हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बसंत पंचमी का यह पावन पर्व है और छत्तीसगढ़ के लिए यह ऐतिहासिक और गौरवशाली होने वाला है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब तीन विधायक हैं और तीनों एक मंच में हैं। ये समाज का गौरव प्रतिष्ठा और एकजुटता का परिणाम है। समाज धीरे धीरे सभी क्षेत्रों को ओर अग्रसर है। आगे और भी बहुत कुछ करना है। समाज के बच्चे शिक्षित आत्मनिर्भर स्वावलंबी बने, इसके लिए काम करने की आवश्यकता है। ये छत्तीसगढ़ ऐसा प्रदेश है, जहां मेहनती लोग रहते हैं। भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई ने सपना देखा और आज राज्य की सरकार सभी समाज को आगे लेकर चल रही है। हम सभी को संकल्प लेने की आवश्यकता है कि छत्तीसगढ़ को प्रदेश का अव्वल राज्य बनाना है। कहा, महतारी वंदन योजना की शुरुआत करके महिलाओं को आगे बढ़ाने की परंपरा शुरू हुई है। जब मातृ शक्ति आगे बढ़ेगी तब देश आगे बढ़ता जाएगा।
संवारने का काम करेंगे
मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि यहां पर छत्तीसगढ़ में कल्चुरी साम्राज्य का एक स्वर्णिम काल रहा है। पंच पीठ के दर्शन में सिन्हा समाज के तीर्थ को संवारने का काम किया है। उन्होंने कहा भाजपा सरकार ने समाज को तवज्जो दिया है। हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को संवारने का काम करेंगे और अगर मिलकर काम करेंगे तो चीज़ें बेहद आसान हो जाएंगी। परंपरा को साथ लेकर चलना है। छत्तीसगढ़ महतारी को आगे लेकर जाना है। दावा करते हुए कहा कि किसान का मान सम्मान करने का काम इसी सरकार ने किया है।
पर्यटन स्थल का मिले दर्जा
स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि जहां ये आयोजन हो रहा है, वो माता बहादुर कलारिन की कर्मस्थली है। इस जगह को पर्यटन स्थल का दर्जा मिले इसके लिए हम प्रयासरत हैं। कहा, जब हम एक मंच पर आते हैं और समाज के विषय पर चर्चा करते हैं, ऐसे आयोजनों से समाज की आने वाली पीढ़ी को समाज से जुड़ने का अवसर मिलता है। समाज की रीति नीति को समझने का अवसर है।