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शराब से अवैध कमाई के रमनसिंह आरोप नहीं लगा रहे हैं बल्कि अपना 15 वर्षों का अनुभव बता रहे हैं : आर पी सिंह

इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के सदस्य और प्रवक्ता आरपी सिंह ने एक बयान जारी करके कहां है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का शराब पर बयान पढ़कर पुरानी कहावत याद आ गई “नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली”।

डॉ रमन सिंह को भूपेश बघेल सरकार पर शराब संबंधी कोई भी आरोप लगाने से पहले इन सवालों के जवाब प्रदेश की जनता के समक्ष देने चाहिए।

1- छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री का सरकारी करण करके गांव गांव गली गली में शराब की नदी बहा देने वाले रमन सिंह आखिरकार किस मुंह से शराबबंदी की वकालत करते हैं?

2- डॉ रमन सिंह जी को अपने कैबिनेट की वह बैठक तो याद होगी जिसमें तेजतर्रार मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे जी ने यह जानना चाहा था कि शराब की बिक्री से मिलने वाला 1000 करोड़ रुपए से अधिक का कमीशन किसकी जेब में जाता है?

3- अगर डॉक्टर रमन सिंह को शराब से इतनी ही नफरत थी तो 15 वर्षों में शराबबंदी क्यों नहीं की?

4 – रमन सिंह को प्रदेश की जनता को यह भी बताना चाहिए आखिर वह कौन से कारण थे जिसके चलते शराब बिक्री का व्यवसाय निजी हाथों से छीनकर सरकारी हाथों में लेना पड़ा ?

5 – प्रदेश की जनता यह भी जानना चाहती है की रमन सरकार में शराब बिक्री के सरकारीकरण होते ही बियर का एक विशेष ब्रांड ही हर दुकान में क्यों बिकता था और उस ब्रांड का भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ क्या संबंध है ?

6- क्या यह सच नहीं है कि रमनसिंह जी ही के शासनकाल में शराब से मिलने वाला राजस्व 400 करोड़ रुपए से बढ़ते बढ़ते लगभग 5000 करोड़ के आसपास पहुंच गया था। शराब बिक्री की इस अप्रत्याशित वृद्धि की वजह क्या थी?

7 – क्या यह सही नहीं है कि प्रदेश की जनता शराब की बेतहाशा बिक्री के चलते ही उन्हें चाउर वाले बाबा की जगह दारू वाले बाबा के नाम से पुकारने लगी थी?

8 – पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में खरीद फरोख्त करके भाजपा की सरकार बनाई गई है क्या वहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सरकारी अमले से शराब नहीं बिकवा रहे हैं? वह भी महिला कर्मियों से।

डॉ रमन सिंह को अपना और भाजपा का पक्ष स्पष्ट करने के लिए जनता के इन 8 सवालों का जवाब जरूर देना चाहिए। कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य और प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि कांग्रेस का विधानसभा चुनाव का घोषणापत्र 5 वर्षों के लिए है और भूपेश बघेल सरकार शराबबंदी के लिए दृढ़ संकल्पित है। यह रमन सिंह सरकार ने 15 वर्ष में न जाने कितने वादे तोड़े न जाने मतदाताओं से कितनी धोखाधड़ी की वह कम से कम अभी तक हर वादा समय पर पूरा करने वाली भूपेश बघेल सरकार पर बयान बाजी ना करें । सूपा बोले तो बोले चलनी भी बोले जिसमें 72 छेद।

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