अरपा नदी में बच्चियों की मौत पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने पूछा, अवैध खनन रोकने के लिए सरकार क्या कर रही?
बिलासपुर.
बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी में तीन बच्चियों की डूबने से हुई मौत के मामले में हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव खनिज को यह बताने को कहा है कि अवैध खनन रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है? इसके लिए क्या कार्ययोजना बनाई गई है? इस पर शपथपत्र के साथ जवाब देने को कहा गया है। वहीं एक दूसरी जनहित याचिका पर भी आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें नदी में गंदगी और अवैध खनन का मुद्दा उठाया गया। अगली सुनवाई जुलाई में रखी गई है।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि सिर्फ पेनाल्टी से काम नहीं चलेगा, एफआईआर भी दर्ज कराएं। इससे पहले हाईकोर्ट ने बच्चियों की मौत के मामले में पहले भी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे जिस पर कोई कार्रवाई पुलिस ने नहीं की। बता दें कि 17 जुलाई 2023 को अवैध खनन से हुए गड्ढों में भरे पानी में डूबकर सेंदरी के पास तीन बच्चियों की मौत हुई थी। हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर इस मामले में सुनवाई शुरू की है। साथ ही अवैध खनन और अरपा नदी की दुर्दशा को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर भी सुनवाई चल रही है। डिवीजन बेंच ने सख्ती दिखाते हुए पूछा है कि नदी में अवैध खनन रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। मुख्य सचिव और खनिज सचिव को इस संदर्भ में शपथपत्र के साथ जवाब देने भी कहा गया है। जनहित याचिका में कहा गया है कि अरपा नदी में अवैध उत्खनन जानलेवा साबित हो रहा है। रेत उत्खनन में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों की भी खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। याचिका में अरपा के किनारे पौधरोपण करने, अवैध घाटों को बंद करने की मांग की गई है। याचिका में अरपा नदी पर दोमुहानी से लेकर सेंदरी और घुटकू तक खनिज विभाग की मिलीभगत से रेत माफियाओं के द्वारा जगह-जगह गढ्ढे और खाई बनाने के आरोप भी लगाए गए हैं।
इसके साथ ही अरपा नदी में स्वीकृत रेत घाटों के अलावा नदी के तट पर लम्बे समय से अनाधिकृत खुदाई की जा रही है। इसे लेकर अरपा अर्पण महाअभियान समिति ने एडवोकेट अंकित पाण्डेय के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया गया कि नदी में पहले रेत उत्खनन नहीं होता था और शहर का जल स्तर बना हुआ था। लेकिन, राज्य बनने के बाद से लगातार बेतरतीब तरीके से उत्खनन हो रहा है, जिसके कारण जल स्तर 130 से 180 फीट नीचे चला गया है। याचिका में मुख्य रूप से शहर को जल संकट से बचाने के लिए सेंदरी, कोनी से लेकर देवरीखुर्द तक अरपा नदी में उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। दोनों याचिकाओं की सुनवाई एक साथ चल रही है।