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Google सर्च करने के अब देने होंगे पैसे ? कंपनी की बड़ी तैयारी!

नई दिल्ली

Google बड़ी तैयारी में लगा हुआ है. अब तक कंपनी ने सर्च सर्विस को फ्री रखा है, जहां से उसके रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा आता है. हालांकि, अब कंपनी अपनी इस पॉलिसी में बदलाव करने पर विचार कर रही है. कंपनी 'प्रीमियम' फीचर्स पर चार्ज लगाने पर विचार कर रही है. ये 'प्रीमियम' फीचर्स कुछ और नहीं बल्कि जनरेटिव AI से आने वाले रिजल्ट्स होंगे.

कुछ वक्त पहले ही कंपनी ने गूगल सर्च के साथ जनरेटिव AI का स्नैपशॉट फीचर एक्सपेरिमेंटल लॉन्च किया था. इस फीचर की मदद से यूजर्स को सर्च किए टॉपिक के बारे में AI सर्च रिजल्ट्स से ऊपर दिखाता है.

AI सर्च किए गए टॉपिक की एक समरी यूजर्स को दिखाता है. हालांकि, अब कंपनी इसमें बदलाव चाहती है. फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में ये जानकारी दी है. अगर Google ऐसा कुछ करता है, तो ये पहला मौका होगा जब कंपनी अपने सर्च इंजन पर पेमेंट या चार्ज लगाएगी.

ChatGPT ने बिगाड़ दिया है खेल?

गूगल सर्च से कंपनी की बड़ी कमाई होती है, लेकिन ChatGPT के आने के बाद कंपनी को अपने बिजनेस पर एक डर नजर आया. इस प्लेटफॉर्म को लॉन्च हुए लगभग डेढ़ साल हो चुके हैं और अब कंपनी अपने बिजनेस मॉडल में एक बड़े बदलाव पर विचार कर रही है. ये दिखाता है कि कंपनी AI को लेकर किस दिशा में सोच रही है.

Google उन विकल्पों को तलाश रहा है, जिससे AI फीचर्स को प्रीमियम सब्सक्रिप्शन के साथ जोड़ा जा सके. कंपनी Gemini AI असिस्टेंट का फीचर पहले से ही Gmail और डॉक्स के साथ दे रही है. ये जानकारी मामले से जुड़े तीन लोगों के हवाले से दी गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, इंजीनियर्स इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, लेकिन कंपनी एक्जीक्यूटिव्स अभी तक इस पर अंतिम फैसला नहीं ले पाए हैं. हालांकि, कंपनी का ट्रेडिशनल सर्च इंजन पहले की तरह ही फ्री रहेगा. वहीं कंपनी सब्सक्राइबर्स को भी ऐड दिखाने पर विचार कर रही है. ध्यान रहे कि ये पहला मौका है, जब कंपनी अपनी सर्विस को पेड करने पर विचार कर रही है.

सर्च से होती है बड़ी कमाई

बता दें कि Google ने सर्च और सर्च संबंधी ऐड्स की मदद से पिछले साल 175 अरब डॉलर कमाए हैं. ये संख्या कंपनी की कुल कमाई का आधे से ज्यादा हिस्सा है. यहीं वजह है कि कंपनी अपने सर्च के जरिए आने वाले पैसे को बचाने पर विचार कर रही है. ChatGPT के लॉन्च होने के बाद से ही गूगल के लिए ये प्लेटफॉर्म एक चुनौती बन गया है.

चूंकि ChatGPT बहुत से सवालों के सटीक और तेजी से जवाब देता है. ऐसे में लोग गूगल पर सर्च करना बंद कर सकते हैं, जो कंपनी का सबसे बड़ा डर है. Google ने पिछले साल मई में AI पावर्ड सर्च इंजन पर काम शुरू किया था. हालांकि, ब्रांड इस एक्सपेरिमेंटल फीचर को मेन सर्च इंजन पर जोड़ना नहीं चाहता है.

इस तरह के सर्च रिजल्ट देने में गूगल के काफी ज्यादा रिसोर्स खर्च होंगे. ट्रेडिशनल तरीके के मुकाबले जनरेटिव AI रिस्पॉन्स में गूगल से ज्यादा कंप्यूटर रिसोर्स लगेंगे. यही वजह है कि कंपनी इसे चुनिंदा यूजर्स को ही ऑफर करना चाहती है. कंपनी इसे Google One के सब्सक्राइबर्स को ऑफर कर सकती है.