तर्रेम मुठभेड़ की जांच करने पहुंची एनआईए ने ली पूरी जानकारी… आईजी नक्सल आपरेशन नलिन प्रभात की भूमिका की भी जांच…
इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के लौटते ही छत्तीसगढ़ में माओवादी हमले को लेकर पड़ताल शुरू हो गई है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजंसी (एनआईए) का एक दल तर्रेम मामले की जांच करने के बाद लौट गया है। फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं है कि मामले की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंप दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि इस मामले की जांच करने के लिए एनआईए के एक अफसर को बस्तर भेजा गया। उक्त अफसर ने सर्चिंग आपरेशन से लेकर माओवादियों को पहुंचे नुकसान का भी बारिकी से अध्ययन किया है। साथ ही आपरेशन से जुड़े कई तथ्यों की पड़ताल की है।
बताया जा रहा है कि एनआईए दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री को पूरे मामले की जांच रिपोर्ट पेश करेगी। उसके बाद बस्तर में माओवादियों के इस हमले को लेकर सफलता—विफलता का आंकलन किया जा सकेगा। हांलाकि यह बताया जा रहा है कि एनआईए ने केंंद्रीय सुरक्षा बल और डीआरजी, एसटीएफ व बस्तर बटालियन के बीच इस आपरेशन के दौरान आपसी समन्वय की भी पड़ताल की है।
दरअसल एक समाचार पत्र ने बीजापुर हमले के दौरान नक्सल आपरेशन के आईजी नलिन प्रभात की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाया था। चूंकि 2010 में जब ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए थे तब नलिन प्रभात सीआरपीएफ में डीआईजी रहे। हमले के बाद विफलता का ठिकरा नलिन प्रभात पर फोड़ा गया था। एनआईए ने इस एंगल की भी पड़ताल की है। बताया जा रहा है कि बीजापुर के तर्रेम आपरेशन में कोबरा शामिल थी पर इस मामले मेें नलिन प्रभात की भूमिका नहीं के बराबर रही।
नाम ना छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने इम्पेक्ट को बताया कि तर्रेम मुठभेड़ में फोर्स को बड़ी सफलता मिली है माओवादियों द्वारा अपने मृत साथियों की जानकारी आने वाले समय में निश्चित तौर पर जाहिर किया जाएगा। साथ ही शुरूआती तीन घंटों तक फोर्स बेहद एडवांस पोजिशन में रही। माओवादियों की जवाबी कार्रवाई से पहले फोर्स का रिवर्स मुव्ह करना फोर्स के लिए ज्यादा घातक हो गया।
इस दौरान माओवादियों को बड़ा नुकसान पहुंचा। तब फोर्स पहाड़ पर थी। उसी दौरान माओवादियों ने गांव खाली कर अपना अलग मोर्चा बना लिया। पहाड़ी से उतरते ही फोर्स बैकफुट पर आ गई। जिससे नुकसान हुआ।
उक्त अधिकारी ने साफ कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो देश के इतिहास में यह माओवादी मोर्चे पर यह सबसे बड़ी सफलता की इबारत लिखी जा सकती थी। बहरहाल एनआईए की टीम आज लौट चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि रिपोर्ट के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कोई कदम उठाया जा सकेगा।