महाराष्ट्र परिषद चुनाव अकेले लड़ेगी ‘मनसे’, राज्य से जुड़े मुद्दों को बताया कारण
ठाणे
लोकसभा चुनाव में महायुति गठबंधन का समर्थन करने वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने कोंकण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए आगामी विधान परिषद चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है।
पार्टी ने राज्य से संबंधित मुद्दों का हवाला देते हुए यह फैसला किया हैं। पार्टी के एक नेता ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मनसे ने 26 जून को होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए कोंकण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से फिल्म निर्देशक अभिजीत पानसे को उम्मीदवार बनाए जाने की सोमवार को घोषणा की थी।
वर्तमान में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निरंजन देवखारे कर रहे हैं।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की थी।
मनसे की पालघर और ठाणे इकाई के प्रमुख अविनाश जाधव ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ”नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देखने के लिए मनसे ने लोकसभा चुनाव में महायुति को समर्थन दिया था। अब राज्य परिषद का चुनाव है और यहां स्थानीय मुद्दे हैं जो राज्य से संबंधित हैं इसलिए पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।”
पार्टी उम्मीदवार पानसे ने दावा किया कि पिछले 12 वर्षों में विधान पार्षद ने निर्वाचन क्षेत्र में स्नातकों के लिए बहुत कम काम किया है। साथ ही उन्होंने अन्य मुद्दों को भी उठाया।
उन्होंने कहा कि पार्टी को अब तक लगभग 35 हजार मतदाताओं से समर्थन मिला है और इस बार जीत हासिल करने को लेकर वह आश्वस्त हैं।
विधान परिषद की चार सीटों मुंबई स्नातक, कोंकण स्नातक, मुंबई शिक्षक और नासिक शिक्षक के लिए द्विवार्षिक चुनाव होना है क्योंकि इन सीट पर मौजूदा विधान पार्षदों का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है।
भाजपा ने अभी तक चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है।
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने विधान पार्षद अनिल परब और पार्टी पदाधिकारी जे. एम. अभ्यंकर को मुंबई स्नातक और मुंबई शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया है।