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निजामुद्दीन मरकज में शामिल लोगों की शुरुआती जांच में 441 लोगों में कोरोना के लक्षण… फाइनल रिपोर्ट का इंतजार… आज रात तक पूरी खाली होगी मस्जिद… यकायक हालात बदलने के बाद फंस रह गए लोग… मस्जिद प्रशासन ने दी सफाई…

  • न्यूज डेस्क. नई दिल्ली।

दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मरकज के बाद करीब 2000 लोग उसी जगह पर ठहरे हुए थे। पिछले तीन दिनों से इन्हें यहां से निकाला जा रहा है। मंगलवार शाम 5 बजे तक 1548 लोगों को डीटीसी बसों के जरिए अलग-अलग हॉस्पिटल ले जाया गया।

इससे पहले रविवार के दिन 200 लोगों को यहां से हॉस्पिटल ले जाया गया था, इनमें से 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं अब तक 1500 से ज्यादा लोगों की शुरुआती जांच में 441 लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं… हालांकि इनकी फाइनल रिपोर्ट का इंतजार है।

अभी भी यहां 100 से 200 लोग मौजूद हैं, जिन्हें 32-32 की खेप में बसों के जरिए हॉस्पिटल ले जाया जा रहा है। बसों में इन लोगों को दूर-दूर ही बैठाया जा रहा है। यहां मौजूद प्रशासन, एनडीएमसी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बस में बैठाए जाने से पहले ही लोगों की स्क्रिनिंग की जा रही है। ऐसे में एक बस को रवाना करने में 40 से 45 मिनट लग रहे हैं। रात 8 बजे के पहले-पहले सभी लोगों को यहां से निकाल लिया जाएगा।

मरकज आयोजित करने वाले मस्जिद प्रशासन का कहना है कि उन्होंने किसी तरह के नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। इनका कहना है कि ‘यह आयोजन हर साल एक बार होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने जब जनता कर्फ्यू की घोषणा की थी, उसी दिन से मरकज को बंद कर दिया गया, लेकिन ट्रेनें न चलने के कारण मरकज में आए लोग यहीं फंसे रह गए।’

जनता कर्फ्यू के एक दिन पहले ही रेलवे ने देशभर की कई ट्रेनों को रद्द कर दिया था। 22 तारीख को रात 9 बजे तक कहीं नहीं निकला जा सका। इसी दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 23 तारीख को सुबह 6 बजे से 31 मार्च राज्य में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया।

इसके बाद 25 मार्च से पूरे देश को ही लॉकडाउन कर दिया गया। ऐसे में मरकज में आए लोग कहीं नहीं जा पाए। हालांकि 1500 से ज्यादा लोगों को किसी तरह निजी वाहनों के जरिए घरों तक पहुंचाया गया। लेकिन करीब इतने ही लोग यहां फंसे रह गए।

बुजुर्ग को अस्पताल ले गए तो हुआ जमावड़े का खुलासा

यहां तमिलनाडु के 64 साल के बुजुर्ग को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाना पड़ा था, जहां रविवार को उनकी मौत हो गई। मौत की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए मरकज में जांच की। यहां एक-एक कमरे में 8-10 लोग ठहरे थे। इनमें से कई को हल्की खांसी और जुकाम की शिकायत भी थी। इतनी तादाद में संदिग्ध मिलने पर प्रशासन ने डीटीसी की बसें लगाकर लोगों को अस्पतालों में पहुंचाना शुरू किया।

छत्तीसगढ़ से भी मरकज में शामिल होने पहुंचे थे लोग

इधर जानकारी मिली है कि निजामुद्दीन औलिया के मरकज में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ से भी लोग पहुंचे थे। इस जानकारी के बाद पूरे राज्य में ऐसे लोगों की पता साजी करवाई जा रही है। सा​थ ही उनकी जांच और क्वारेंनटाइन करने की प्रक्रिया भी चलाई जा रही है। छत्तीसगढ़ में इससे पहले ही बाहर से पहुंचे सभी लोगों के रिकार्ड को खंगाला जा रहा है। घर—घर जाकर ऐसे लोगों को चिन्हांकित कर निगरानी रखी जा रही है। उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी निरंतर ली जा रही है।

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