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किस हैसियत से सोनिया-राहुल ने किया शिलान्यास?… छत्तीसगढ़ विधानसभा पर घिरी कांग्रेस, भाजपा ने गिनाए 7 मौके…

इम्पैक्ट डेस्क.

नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से करने के फैसले से कांग्रेस समेत 20 विपक्षी दल नाराज हैं। इन दलों ने यह कहते हुए समारोह का ही बहिष्कार कर दिया है कि संसद की कस्टोडियन राष्ट्रपति हैं। इसलिए उनसे ही उद्घाटन कराना चाहिए। इस बीच भाजपा ने भी कांग्रेस और विपक्षी दलों की ओर से राज्यपालों और राष्ट्रपति को किसी भी चीज के उद्घाटन में ना बुलाने की याद दिलाई है। भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने तो छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा के शिलान्यस का शिलापट्ट ही सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उनके अलावा भी कई लोग सोशल मीडिया पर उस शिलापट्ट को शेयर कर रहे हैं।

दरअसल इस शिलापट्ट में उद्घाटन करने वाले नेताओं में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नाम हैं। दोनों ने ही सांसद की हैसियत से उद्घाटन किया था। इसी को लेकर भाजपा ने सवाल उठाया है कि आखिर तब गवर्नर को ना बुलाकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से क्यों उद्घाटन कराया गया। अमित मालवीय ने लिखा, ‘छत्तीसगढ़ में विधान सभा शिलान्यास के समय (अगस्त 2020 में) गवर्नर अनुसुइया उईके जी थीं। मध्य प्रदेश के छिन्दवाड़ा से आती हैं। जनजातीय समाज से हैं। उनका नाम शिलापट्ट पर नहीं है, लेकिन सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम अंकित है। सोनिया और राहुल गांधी मात्र सांसद हैं। फिर किस प्रोटोकॉल के अन्तर्गत उनसे भूमि पूजन करवाया? गवर्नर को क्यों नहीं बुलाया?’

राजीव और इंदिरा की भी हरदीप पुरी ने दिलाई याद

उनसे पहले शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने भी याद दिलाया था कि अपने समय में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने खुद ही संसद भवन की इमारतों का उद्घाटन कर दिया था। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भी कांग्रेस समेत विपक्षी दलों को याद दिलाया कि बीते 9 सालों में किसी भी राज्य में उद्घाटन कार्यक्रम के लिए राज्यपाल या फिर राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया। सरमा ने ऐसे 5 मौकों की याद दिलाई, जब उद्घाटन पीएम, सीएम या फिर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ही कर दिया। 

भाजपा ने कुल 7 मौके याद दिलाकर घेर लिया

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘बीते 9 सालों में गैर-भाजपा शासित 5 राज्यों ने नई विधानसभा का शिलान्यास या उद्घाटन किया है। इन सभी का उद्घाटन मुख्यमंत्री या फिर पार्टी अध्यक्ष ने किया है। किसी भी आयोजन में राज्यपाल या फिर राष्ट्रपति को आमंत्रित तक नहीं किया।’ इस दौरान उन्होंने 2014 में असम विधानसभा के शिलान्यास का भी जिक्र किया। इसके अलावा झारखंड, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना का भी जिक्र किया। भाजपा ने कहा कि यह बायकॉट विपक्ष का एक ढोंग है। इसके अलावा राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के दौर के भी दो मौके गिनाए हैं। इस तरह कुल 7 घटनाओं का जिक्र कर भाजपा ने विपक्ष पर हमला बोला है।