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संकटकाल में केंद्र सरकार को आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से ऊपर उठकर संभावित तीसरी लहर को रोकने हेतु काम करना चाहिए : आरपी सिंह

इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को लेकर मोदी सरकार से श्वेत पत्र में चार मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया है तथा विभिन्न महत्वपूर्ण सवाल पूछे है। एक तरफ कांग्रेस पार्टी निरंतर जनहित के मुद्दे उठा रही है वही भाजपा एवं उनके प्रवक्ता देश की जनता को भ्रमित करने वाली बातें कर रहे है। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस माहमारी में भी ओछी राजनीति शुरू कर दी तथा तथ्यहीन बातों को आधार बनाकर कांग्रेस शासित प्रदेशों पर आरोप लगाया है। उक्त बातें जारी बयान में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग सदस्य आरपी सिंह ने कही हैं।

सिंह ने कहा कि कोरोना से हुई मौतों पर बात कहने से पहले भाजपा को उत्तरप्रदेश एवं गुजरात के भयवाह आंकड़ो को देखना चाहिए। टीकाकरण महाभियान की दुहाई देने वाली भाजपा बताए कि आखिर क्यों देश में वैक्सीन की कमी निरंतर बनी हुई है।

जिस संकटकाल में केंद्र सरकर को राज्यों के साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए उस समय केंद्र की भाजपा सरकार ने कुछ नहीं किया। यह तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व का परिणाम है कि आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ कोरोना नियंत्रण एवं टीकाकरण पर बेहतर काम कर रहा है। सही समय पर निर्णय एवं संसाधनों के बेहतर प्रबंधन से आज छत्तीसगढ़ में कोरोना पूरी तरह से ढलान पर है।

कांग्रेस शासित राज्यों पर मनगढंत आरोप लगाने वाले एक बार छत्तीसगढ़ में किये जा रहे कार्यों को पढ़ ले।
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की शुरूआत से लेकर अब तक प्रति दस लाख की आबादी में कुल कोरोना जांच राष्ट्रीय औसत से आगे है।

यहां प्रति दस लाख की जनसंख्या में औसत सैंपल जांच 3 लाख 48 हजार 938 है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर अब तक औसत 2 लाख 94 हजार 402 सैंपलों की जांच हुई है। प्रदेश में अब तक 1 करोड़ से ज्यादा सेंपलों की जांच की गई है।

कोविड की संभावित तीसरी लहर से पहले ही छत्तीसगढ़ ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में शिशु रोग, स्त्री रोग, निश्चेतना, पैथॉलाजी, मेडिसीन एवं सर्जरी के पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सक की भर्ती पर विशेष कार्य किया जा रहा है. इतना ही नहीं समस्त ज़िले के कलेक्टर विस्तृत कार्ययोजना बना रहे है जिससे संभावित तीसरी लहर को मात देने में मदद मिलेगी।

यह छत्तीसगढ़ सरकार के कुशल प्रबंधन का ही नतीजा है कि वर्तमान में संक्रमण की रफ्तार घटकर मात्र 1.2 प्रतिशत पर आ गई है। राज्य में टीकाकरण का कवरेज लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना से बचाव के टीके की पहली और दूसरी खुराक को मिलाकर अब तक 77 लाख से ज़्यादा टीके लगाए जा चुके हैं।

कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए इसके लक्षण वाले 23 लाख से ज़्यादा संदिग्ध मरीजों को निःशुल्क दवा किट वितरित की गई हैं।
वर्तमान में प्रदेश में एम्स रायपुर और दस अन्य शासकीय मेडिकल कॉलेजों तथा निजी क्षेत्र के छः लैबों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा है।

प्रदेश के 33 सरकारी और सात निजी लैबों में ट्रू-नाट विधि से सैंपल जांच की जा रही है। सभी जिलों में अतिरिक्त मशीनें उपलब्ध कराकर ट्रू-नाट लैबों की क्षमता भी प्रदेश में बढ़ाई गई है। टेस्टिंग बढ़ने हेतु राज्य सरकार द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में शुरू हुई महतारी दुलार योजना ने कोरोना का दंश झेल रहे ऐसे कई परिवारों को राहत दी है, जिनमें कोविड-19 से अभिभावकों की मृत्यु हो गई है। इन परिवारों में बच्चों की आगे की पढ़ाई और उनके भविष्य की चिंता दूर हो गई है।

दंतेवाड़ा जिले का सुदूर रेंगानार गांव प्रदेश का पहला ऐसा गांव बन गया है, जहां के हर नागरिक ने कोरोना से बचाव के लिए टीका लगवा लिया है। जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा से करीब 20 किलोमीटर दूर नकुलनार रोड पर स्थित आदिवासी बहुल रेंगानार में 18 वर्ष से अधिक के 310 लोग रहते हैं।

टीकाकरण के लिए पात्र वहां के सभी 294 लोगों ने कोरोना से बचने में टीके के महत्व को समझते हुए टीका लगवा लिया है। रेंगानार ने पूरे प्रदेश के सामने मिसाल कायम की है तथा प्रदेश के ऐसे बहुत से गांव है जहां शत प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है।

टीकाकरण के माध्यम से कोरोना को मात देने में गांव का हर वयस्क सदस्य योगदान दे रहा है।

सिंह ने कहा कि इस संकटकाल में केंद्र सरकार को आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से ऊपर उठकर संभावित तीसरी लहर को रोकने हेतु काम करना चाहिए तथा तेज गति से टीकाकरण हेतु राज्यों को हरसंभव मदद प्रदान किया जाना चाहिए।

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