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11 साल की बेटी के चरित्र पर शक : जिंदा नहर में फेंकते हुए नहीं कांपे मां-बाप के हाथ, बेटे ने खोला हत्या का राज…

इम्पैक्ट डेस्क.

मेरठ में माता पिता ने11 साल की बेटी को जिंदा नहर में फेंक दिया। आरोपी माता पिता बेटी को अपनी आंखों के सामने डूबते हुए देखते रहे। इसके बाद थाने पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज कराने थाने पहुंच गए। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो एक ऐसा घिनौना सच सामने आया जिसने हर किसी को स्तब्ध कर दिया।  पुलिस ने माता-पिता समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 
 

मेरठ के गंगानगर स्थित जेजी ब्लॉक निवासी कलेक्शन एजेंट बबलू और उसकी पत्नी रूबी ने 11 साल की बेटी के चरित्र पर शक  के कारण भोला झाल की नहर में फेंक दिया। डूबने से उसकी मौत हो गई। वारदात कर माता-पिता ने गंगानगर थाने में चंचल की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने दंपती और उनके एक रिश्तेदार को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि शव अभी नहीं मिला है। पुलिस के मुताबिक, चंचल के फोन पर बातचीत करने को लेकर अभिभावक नाखुश थे। उन्होंने बेटी को डांटा, जब वह नहीं मानी तो उसकी जान ले ली। 11 साल की बच्ची चंचल की मौत का राज उसके ही छह साल के भाई आरव ने खोल दिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया। रविवार के बाद  सोमवार को भी बालिका की नहर में तलाश की गई लेकिन उसका शव नहीं मिला। सोमवार को फिर से सर्च अभियान शुरू किया गया।

बागपत के सिंधावली अहीर गांव निवासी बबलू परिवार के साथ गंगानगर में रहता है। बेटी चंचल गंगानगर एफ-ब्लॉक स्थित शारदा पब्लिक स्कूल में कक्षा पांचवीं की छात्रा थी। एक सितंबर को बबलू ने गंगानगर थाने में चंचल की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस लड़की की तलाश में जुटी थी। पुलिस को शक हुआ तो माता पिता को हिरासत में ले लेकर पूछताछ की।

बकौल पुलिस, गहनता से पूछताछ की गई तो दंपती ने बताया कि बेटी अक्सर लड़कों से फोन पर बातें करती थी। वे इससे नाराज थे। कई बार रोकने पर भी वह नहीं मानी तो उसे नहर में फेंक दिया, जहां डूबने से उसकी मौत हो गई।

एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि शनिवार को दंपती को थाने बुलाकर पुलिस ने उनके बयान लिए तो उनमें विरोधाभास था। इससे पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने कई जगह पर सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी। इसमें चंचल अपने माता-पिता के साथ ही बाइक पर जाते हुए दिख रही है।

11 साल की बच्ची चंचल की मौत का राज उसके ही छह साल के भाई आरव ने खोल दिया। पुलिस के मुताबिक उसने अपने बयान में बताया कि मम्मी-पापा चंचल दीदी को पीटते थे और वही उसे बाइक पर लेकर गए थे।

चंचल की गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस ने कई जगह सीसीटीवी कैमरे देखे, लेकिन सुराग नहीं लग सका। सीओ सदर देहात पूनम सिरोही शनिवार सुबह चंचल के घर पहुंचीं। माता-पिता से जानकारी लेने के बाद चंचल भाई 14 साल के वंश और छह साल के आरव के बयान लिए।

आरव से पूछताछ के बाद पुलिस ने एक सितंबर की सुबह सीसीटीवी कैमरे देखे। इसमें चंचल अपने माता-पिता के साथ बाइक पर बैठी नजर आई। दंपती ने बताया कि बेटी को जिंदा फेंका था। वह उनकी आंखों के सामने डूबी है। सीओ ने बताया कि बबलू और उसकी पत्नी रूबी बार-बार बयान बदल रहे थे। पहले उन्होंने बच्ची को घर से गायब होने की बात कही।

चंचल के भाई आरव ने मम्मी-पापा के साथ बाइक पर जाने की बात पुलिस को बताई तो इसके बाद बबलू ने बताया कि वह पत्नी के साथ बेटी को दवा दिलाने गए थे। रास्ते में बेटी दुकान से बर्गर लेने चली गई। तब से लापता है। सीओ के मुताबिक शक होने पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो दंपती ने बताया कि बेटी की कुछ लड़कों से दोस्ती थी। उन्हें बदनामी का डर सताने लगा था। इसलिए वह उसे लेकर भोलाझाल नहर पर ले गए। नहर में उसे फेंक दिया था। वह उनकी आंखों के सामने ही डूब गई थी।