किसान विधेयक को लेकर सीपीआई का बारिश में प्रदर्शन…महामहिम राष्ट्रपति के नाम का सौपा ज्ञापन…
इम्पेक्ट न्यूज़. सुकमा।
आज सीपीआई ने किसान विधेयक को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया। बारिश के बीच सीपीआई के कार्यकर्ता पटनम से निकल कर एसडीएम कार्यालय पहुँचे। इस बीच भारी बारिश हुई लेकिन कार्यकता डटे रहे और देश के प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया। उसके बाद एसडीएम कार्यालय के सामने विधेयक को लेकर नारेबाजी की गई। और महामहिम राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौपा। सीपीआई नेता रामा सोढ़ी ने कहा कि संसद में पारित तीन किसान विरोधी कानूनों के विरूध्द आज देश भर में किसानों का संघर्ष चल रहा है । इन कानूनों के अमल में लाने से धीरे-धीरे खेती ठेके पर होने लगेगी। मंडियों की उपयोगिता समाप्त होगी । न्यूनतम समर्थन मूल्य जिन उत्पादों में मिल रहा है वह भी नहीं मिलेगा यानि कि एम.एस.पी.को समाप्त कर दिया जायेगा । पूरी तरह खेती कम्पनियों के हवाले होगी ।
कालाबाजारी का होगा बोल बाला- कुंजाम
वही मनीष कुंजाम ने कहा कि कालाबाजारी का बोल बाला होगा किसान देश को अन्न खिलाता है किंतु वो सबसे गरीब शोषित,पीड़ित है इस किसान विरोधी बिल के कारण उसकी हालत और ज्यादा बद्तर हो जायेगी । क्योंकि उसके उपज के मूल्य का निर्धारण पूर्ण रूप से बाजार के हाथों में होगा । केंद्र की सरकार पूरी तरह किसानी को कंपनियों के हवाले कर देना चाहती है। आदिवासी क्षेत्रों में स्थिति सबसे ज्यादा खराब हो जायेगी । यूं भी आदिवासी आम तौर पर सीधा सरल होता है उनके द्वारा संग्रहित वनोपजों को पहले ही व्यापारी औने-पौने दाम में खरीदते रहे हैं । खेती का उपज वनोपज के तुलना में बहुत मामूली दर में खरीददारी होने की पूरी संभावना है । इससे बस्तर जैसे क्षेत्रों साथ ही अन्य आदिवासी क्षेत्रों के निवासियों को काफी हानि होने की संभावना है क्योंकि आदिवासियों की जीविका पूर्णतः कृषि एवं वनोपज के संग्रहण पर ही निर्भर है । इस तरह इस बिल के सबसे गंभीर दुष्परिणाम आदिवासी क्षेत्रों को ही होने की संभावना है ।