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बोबडे ने ली देश के नए चीफ जस्टिस की शपथ, भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश बने

  • नई दिल्ली।

जस्टिस एसए बोबडे ने सोमवार को भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित समारोह में श्री बोबडे को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। 63 वर्षीय जस्टिस बोबडे ने अंग्रेजी में शपथ ली। समारोह में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उपस्थित थे।
भारत के 46 वें मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस गोगोई ने 3 अक्टूबर, 2018 को कार्यभार संभाला था और रविवार को इस पद से रिटायर हो गए। 18 अक्टूबर को उन्होंने ही अपने उत्तराधिकारी के रूप में शीर्ष अदालत के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस बोबडे की सिफारिश की थी। जस्टिस बोबडे लगभग 18 महीने तक सीजेआई के रूप में काम करेंगे और 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे।
1998 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित
24 अप्रैल, 1956 को नागपुर में जन्मे जस्टिस बोबडे ने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नागपुर विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की। उन्हें 1978 में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र के लिए नामांकित किया गया था और 1998 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।
जज के रूप में करियर साल 2000 में शुरू
जज के रूप में उनका करियर 29 मार्च 2000 को शुरू हुआ जब उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया। वह 16 अक्टूबर 2012 को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। उन्हें 12 अप्रैल, 2013 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था।
अयोध्या समेत कई महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला
जस्टिस बोबड़े अयोध्या भूमि विवाद मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के हिस्सा थे। जस्टिस बोबडे उस तीन जजों वाली पीठ का हिस्सा थे, जिसने 2015 में स्पष्ट किया कि आधार कार्ड के बिना भारत के किसी भी नागरिक को बुनियादी सेवाओं और सरकारी सेवाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है।

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