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दंतेवाड़ा जिला हास्पिटल के एमरजेंसी वार्ड के सिक्यूरिटी गार्ड की रैपिड टैस्ट रिपोर्ट के बाद पीसीआर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया…

इम्पेक्ट न्यूज. दंतेवाड़ा।

दंतेवाड़ा जिला हास्पिटल के एमरजेंसी वार्ड के सिक्यूरिटी गार्ड की कल रात रैपिड टैस्ट किट से की गई जांच में पाजिटिव संकेत आने के बाद हड़कंप मच गया है। इस गार्ड के सैंपल को पीसीआर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज डिमरापाल भेजा गया है।

इसकी पुष्टि करते सीएमओ हेल्थ डा. शांडिल्य ने बताया कि रैपिड टैस्ट की रिपोर्ट मान्य नहीं है। जब तक पीसीआर रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता।

इस संबंध में किसी जानकारी से कलेक्टर दंतेवाड़ा टोपेश्वर वर्मा ने अनभिज्ञता जताते कहा कि सीएमओ हेल्थ ही सही जानकारी दे सकेंगे।

रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट क्या है और कैसे होता है?

जब भी कोई व्यक्ति किसी वायरस का शिकार होता है तो उसके शरीर में उस वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनती हैं। रैपिड टेस्ट में उन्हीं एंटीबॉडीज का पता लगाया जाता है। इसे रैपिड टेस्ट इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके नतीजे बहुत ही जल्दी आ जाते हैं। महज 15-20 मिनट में ही इसका रिजल्ट सामने होता है। लेकिन यह अन्य बीमारियों के कारण भी हो सकता है। इसीलिये इस चरण में संक्रमण होने की आशंका वाले व्यक्ति का पीसीआर टेस्ट किया जाता है।

क्या होता है RT पीसीआर टैस्ट

रिअल टाइम पॉलीमरेज चेन रिएक्शन या पीसीआर टेस्ट कोरोना की टेस्टिंग का महत्वपूर्ण आयाम है। पॉलीमर वे एंजाइम होते हैं जो डीएनए की नकल बनाते हैं। इसमें कोरोना संक्रमित व्यक्ति के स्वैब सैंपल से डीएनए की नकल तैयार कर संक्रमण की जांच की जाती है। इसकी जांच वायरस के डीएनए से किया जाता है। अगर मिलान सही मिलता है तो व्यक्ति में कोरोना की पुष्टि हो जाती है। लेकिन यह बहुत अत्याधुनिक लैब में ही किया जा सकता है। पीसीआर टेस्ट में चार से छह घंटे का समय लग सकता है। इस टेस्ट में भी एक बार में संक्रमण का पता नही चलता है, जिसे दो या तीन बार टेस्ट कर जांचा जाता है। 

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