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चुस्त और दुरुस्त लीवर: आपके स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम आदतें

हर साल अप्रैल महीने में मनाया जाने वाला विश्व लिवर दिवस हमें यह याद दिलाने का अवसर देता है कि हमारा लिवर शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है. यह अंग न सिर्फ खाने-पीने की चीजों को पचाता है, बल्कि शरीर से हानिकारक पदार्थों को भी बाहर निकालता है और एनर्जी प्रदान करता है. लिवर लगभग 500 जरूरी कामों को अंजाम देता है. सीधे शब्दों में कहें तो यही अंग शरीर को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है.

जब लिवर ठीक से काम नहीं करता, तो शरीर को परेशानी होती है. लिवर की पुरानी बीमारी से ग्रस्त लोगों में, लिवर जरूरी काम करने में कम सक्षम हो जाता है. इससे रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करने वाले लक्षण पैदा हो सकते हैं. लिवर की पुरानी बीमारी जितनी आम है, उतना ही यह चिंता का विषय भी है. दुनियाभर में लगभग हर पांचवें व्यक्ति को यह बीमारी है. भारत में भी हर पांच में से एक व्यक्ति इससे प्रभावित है.

नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज

लिवर बीमारी के मामलों में वृद्धि का मुख्य कारण नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) है. यह समस्या लिवर में फैट जमा होने के कारण होती है. एम्स के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में एक तिहाई से अधिक वयस्कों में फैटी लिवर या नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज पाया जाता है.

लिवर रोग के रिस्क फैक्टर

कई तरह के वायरस, जेनेटिक्स डिसऑर्डर, शराब या हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण 100 से अधिक प्रकार के लिवर रोग हो सकते हैं. हालांकि, रुझान बताते हैं कि लिवर रोग का मुख्य कारण हेपेटाइटिस बी वायरस की जगह शराब का सेवन अधिक होता जा रहा है.

डायबिटीज में लिवर रोग

हाई ब्लड शुगर लेवल भी लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है. टाइप 2 डायबिटीज होने से लिवर रोग का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, दूसरी ओर जब लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा होता है, तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है.

लिवर की सेहत पर रखें नजर

वजन घटना, पसली के दाहिनी ओर दर्द, ज्यादा थकावट, कम ऊर्जा का भाव और कमजोरी महसूस होना ये लिवर की सेहत पर ध्यान देने के संकेत हैं. लगभग दस में से एक व्यक्ति लगातार थकान से पीड़ित होता है. लिवर की समस्या वाले लोगों में यह प्रतिशत काफी अधिक होता है. लिवर की समस्या वाले लोग पूरे दिन में ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं, भले ही उनकी नींद पूरी हो. ऐसा लगता है मानो शरीर फिर से एनर्जी प्राप्त करने में असमर्थ हो गया है. इसके अलावा, अन्य लक्षणों में पेट में एक्स्ट्रा तरल पदार्थ जमा होना, भूख न लगना, स्किन या आंखों का सफेद भाग पीला होना और पैरों या पेट में सूजन शामिल हैं. 

लिवर रोग सेहत पर गहरा असर डालता है

नई दिल्ली स्थित मैक्स हॉस्पिटल्स की प्रिंसिपल डायरेक्टर और हेड क्लिनिकल हेपेटोलॉजी डॉ. कौशल मदान का कहना है कि क्रोनिक लिवर रोग लोगों की सेहत पर गहरा असर डाल सकता है. इसके कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे स्किन या आंखों का सफेद भाग पीला होना, जिसे पीलिया के नाम से जाना जाता है. वहीं कुछ लक्षण कम दिखाई देते हैं, जैसे लगातार थकान और कमजोरी. हालांकि, ये लक्षण भी कम परेशानी देने वाले नहीं होते हैं. लिवर की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए ये जरूरी है कि वो अपनी स्थिति को पहचाने और जीवनशैली में बदलाव करके अपने लक्षणों को कम करने के लिए इलाज कराएं.

लिवर की बीमारी का जल्दी पता लगाना जरूरी

एबॉट इंडिया के मेडिकल अफेयर्स डायरेक्टर डॉ. जेजे कारनकुमार का कहना है कि लिवर की बीमारी का जल्दी पता लगाना जरूरी है ताकि उसका अच्छे से इलाज किया जा सके. ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि गैर-संक्रामक फैटी लिवर रोग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. समय पर पता लगाने से इलाज और लाइफस्टाइल में बदलाव करने में मदद मिलती है, जिससे थकान समेत अन्य लक्षणों को समझने और कम करने में मरीजों को मदद मिलती है.

लिवर को हेल्दी रखने के उपाय

– पौष्टिक और बैलेंस डाइट लें. प्रोसेस्ड फूड समेत अनहेल्दी फैट वाले भोजन को ना खाएं, क्योंकि इससे लिवर में चर्बी जमा हो सकती है.
– नमक और चीनी का सेवन कम करें, क्योंकि इनकी अधिकता लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है.
– पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं.
– कुछ प्रकार की लिवर बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए कॉफी पीना भी फायदेमंद हो सकता है. हालांकि, लिवर के लिए कितनी कॉफी सही मात्रा है, इस पर कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है. इसलिए डॉक्टर से सलाह लेने के बाद या सीमित मात्रा में ही कॉफी का सेवन करें.
– स्वस्थ वजन बनाए रखें. शराब का सेवन ना करें, खासकर अगर आपको पहले से ही कोई लिवर रोग है.
– कामों को प्राथमिकता दें और धीरे-धीरे करें. इससे आपको पूरे दिनभर की एनर्जी का बेहतर प्रबंधन करने में मदद मिलेगी और आप थकेंगे नहीं.

नियमित जांच के जरिए डॉक्टर लिवर से जुड़ी समस्याओं के शुरुआती संकेतों का पता लगा सकते हैं और उसी के अनुसार इलाज की सलाह दे सकते हैं. डॉक्टर आपकी नींद के माहौल को बेहतर बनाने की सलाह देकर थकान को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं. लिवर को हेल्दी रखने के लिए कदम उठाकर आप फिर से एनर्जी से भरपूर जिंदगी जी सकते हैं.