पत्नी को चुनाव लड़ाना नहीं चाहता था, लेकिन पार्टी आलाकमान के जोर देने पर उम्मीदवार बनाया गया: सुक्खू
शिमला
कांग्रेस नेता और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि उनकी पत्नी चुनाव लड़ें, लेकिन पार्टी आलाकमान के जोर देने पर वह मना नहीं कर सके और उन्हें देहरा विधानसभा उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार बनाया गया है।
कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल द्वारा जारी उम्मीदवारों की सूची में देहरा विधानसभा से पार्टी प्रत्याशी के रूप में सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर का नाम है।
उन्हें देहरा विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दो बार के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा गया है।
सुक्खू ने मंगलवार देर रात संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं नहीं चाहता था कि मेरी पत्नी चुनाव लड़ें लेकिन कांग्रेस आलाकमान को मना नहीं कर सका।’’
उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनसे कहा था कि कमलेश को चुनाव लड़ना चाहिए ‘‘लेकिन मैं नहीं चाह रहा था’’।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस बार फिर से आलाकमान ने जोर दिया तो मैं मना नहीं कर सका।’’
उन्होंने कहा कि पार्टी के सर्वेक्षण में उनकी पत्नी उम्मीदवार की दौड़ में सबसे आगे थीं लेकिन वह तब भी नहीं चाहते थे कि उन्हें चुनाव लड़ाया जाए क्योंकि उनका मानना है कि परिवार से एक ही व्यक्ति को राजनीति में होना चाहिए।
सुक्खू ने कहा, ‘‘लेकिन राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए हमें देहरा विधानसभा सीट से एक मजबूत उम्मीदवार की जरूरत है। मेरी पत्नी देहरा की रहने वाली हैं। उनके परिवार के लोग वहां रहते हैं और वहां के पंचायत प्रतिनिधि भी चाहते थे कि वह चुनाव लड़ें।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने पहले कहा था कि ‘देहरा मेरा है’। अब मेरी पत्नी अगले साढ़े तीन साल देहरा में मेरी प्रतिनिधि होंगी और इलाके का विकास सुनिश्चित करेंगी।’’