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सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने थाईलैंड ओपन सुपर 500 बैडमिंटन मेन्स डबल्स टाइटल जीत लिया

नई दिल्ली
भारत की स्टार जोड़ी सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने थाईलैंड ओपन सुपर 500 बैडमिंटन मेन्स डबल्स टाइटल जीत लिया है। फाइनल में उन्होंने चीन के लियू यि और चेन बो यांग को मात दी। वर्ल्ड रैंकिंग में तीसरे नंबर पर मौजूद इस जोड़ी ने 29वीं रैंकिंग वाली विरोधी टीम पर 21-15, 21-15 से जीत दर्ज की। इस तरह इन दोनों ने अपनी ओलंपिक की तैयारियां भी पुख्ता कर ली हैं। एशियन गेम्स की चैंपियन जोड़ी का यह सत्र का दूसरा और कैरियर का नौवां बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर खिताब है। उन्होंने मार्च में फ्रेंच ओपन सुपर 750 खिताब जीता था। दोनों मलेशिया सुपर 1000 और इंडिया सुपर 750 में उपविजेता रहे थे।

चिराग ने कहा-बैंकॉक हमारे लिए खास
चिराग ने जीत के बाद कहाकि बैंकॉक हमारे लिये खास है। हमने 2019 में यहां पहली बार सुपर सीरिज और फिर थॉमस कप जीता था। सात्विक और चिराग ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में दूसरे दौर में हार गए थे। इसके बाद सात्विक की चोट के कारण एशियाई चैम्पियनशिप नहीं खेल सके। थॉमस कप में भी वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये। यह जोड़ी एक भी गेम गंवाये बिना थाईलैंड ओपन फाइनल में पहुंची थी। लियू और चेन ने भी फाइनल तक के सफर में शानदार प्रदर्शन किया था। लेकिन भारतीय जोड़ी के शानदार फॉर्म का उनके पास कोई जवाब नहीं था। सात्विक और चिराग ने जल्दी ही 5-1 की बढ़त बना ली। इसके बाद चेन और लियू ने लगातार चार अंक लेकर वापसी की। जब स्कोर 7-7 था तब चीनी जोड़ी ने 39 शॉट की रैली लगाई और 10-7 से बढ़त बना ली। उन्होंने कुछ लंबी रैलियां लगाईं, लेकिन चिराग ने तूफानी रिटर्न के जरिए स्कोर 10-10 कर लिया।

सात्विक को मिली चेतावनी
ब्रेक के बाद सात्विक और चिराग ने 14-11 की बढ़त हासिल की। यह बढ़त जल्दी ही 16-12 की हो गई। चीनी जोड़ी ने तीन अंक बनाए, लेकिन इसके बाद भारतीय जोड़ी ने लगातार पांच अंक लेकर गेम जीत लिया। दूसरे गेम में भारतीय जोड़ी ने 8-3 के साथ शुरुआत की और ब्रेक तक पांच अंक की बढ़त बनाये रखी। चेन और लियू ने तीन अंक लगातार बनाए लेकिन सात्विक ने उनकी लय तोड़ी। जब स्कोर 15-11 था तब सात्विक को खेल में देरी करने पर चेतावनी मिली और चिराग ने दो अंक गंवाए। इससे चीनी जोड़ी ने 15-14 की बढ़त बना ली। भारतीय जोड़ी ने हालांकि इसके बाद शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्हें फिर कोई मौका नहीं दिया।