अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के चुनावी कैंपेन का जोर-शोर से आगाज किया, 9 सूत्रीय एजेंडा जारी
नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को पार्टी के चुनावी कैंपेन का जोर-शोर से आगाज कर दिया। केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के लिए 'आप' का 9 सूत्रीय एजेंडा भी जारी किया। इस दौरान केजरीवाल ने अपने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर जमकर प्रहार करते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई और अपने 9 साल के कामों का बखान किया।
'आप' के मुखिया ने कहा कि हमने दिल्ली की जनता से किया अपना हर वादा पूरा किया है। 9 साल में हमने 30 फ्लाईओवर बनाए। मुफ्त पानी और 24 घंटे मुफ्त बिजली का इंतजाम किया। गली-गली में सीसीटीवी कैमरे लगवाए।अभी हाल ही में मैंने दिल्ली के बजट में दिल्ली की महिलाओं के लिए हर महीने 1000 की सम्मान राशि का भी इंतजाम कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हम दिल्लीवालों के लिए दिल खोलकर काम कर रहे हैं, लेकिन केंद्र में बैठी भाजपा और उनके एलजी हमारे हर काम में रुकावट डालते हैं। एलजी हमारी हर फाइल रोक देते हैं। इन लोगों को गरीबों से इतनी नफरत क्यों है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि जब दिल्लीवाले बीमार होते हैं तो दिल्ली के सांसद तालियां बजाकर खुशी मनाते हैं। दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक तोड़े गए। इन्होंने घर-घर राशन योजना की फाइक रोक दी।
दिल्लीवालों को याद होगा कि कैसे दिल्ली में सीसीटीवी लगवाने के लिए मुझे अपने साथियों सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, गोपाल राय के साथ एलजी दफ्तर में 10 दिन तक धरना देना पड़ा था। इसके बाद जाकर उन्होंने एलजी ने वो फाइल पास की थी। दिल्ली में योगा योजना भी बंद करवा दी गईं।
केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के सांसदों ने कभी दिल्ली का साथ नहीं दिया। हर बार जब दिल्ली का हक छीना गया तब भाजपा के सांसद कहां थे। दिल्ली की आवाज उठाना भाजपा सांसदों के बस की बात नहीं है। केजरीवाल ने दावा किया कि बीजेपी वाले खुलकर कह रहे हैं हमारी 370 सीटें आ रही हैं। वो कह रहे हैं उन्हें दिल्ली वालों के वोट नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं कहता हूं कि दिल्लीवालों वोट और यहां की सीटें मुझे चाहिए। 'आप' के 7 सांसद होंगे तो वो संसद से सड़क तक दिल्ली के लिए लड़ेंगे। अभी मैं दिल्लीवालों के लिए भाजपा और एलजी से अकेला लड़ रहा हूं। जैसै विधानसभा में आपने मेरे हाथ मजबूत किए, वैसे ही संसद में मेरे हाथ मजबूत कर दो, फिर दिल्ली वालों का कोई हक नहीं मार पाएगा। केजरीवाल ने कहा कि अगर आपने दिल्ली में हमें 70 में से 40 सीटें दी होतीं तो भाजपा हमारी सरकार गिरा देती। अब संसद में मेरे हाथ मजबूत करा दो। अगर संसद में आपके हक मारा जाएंगे तो यही सातों सांसद आपके हक के लिए लड़ेंगे।
गौरतलब है कि इंडिया गठबंधन के तहत इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। दिल्ली में लोकसभा की 7 सीटे हैं। इनको लेकर दोनों पार्टियों के बीच 4:3 के फॉर्मूले पर सीट शेयरिंग हुई है। 'आप' के हिस्से में जहां 4 सीटें आई हैं, वहीं कांग्रेस को 3 सीटें मिली हैं। आम आदमी पार्टी ने नई दिल्ली लोकसभा सीट से सोमनाथ भारती, पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से कुलदीप कुमार, पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से महाबल मिश्रा और दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से सहीराम पहलवान को चुनावी मैदान में उतार दिया है। हालांकि, अभी कांग्रेस द्वारा उसके उम्मीदवारों के नाम तय नहीं किए जा सके हैं।
आम आदमी पार्टी के लोकसभा चुनाव से जुड़े कैंपेन की घोषणा
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आज से आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों के लिए आधिकारिक तौर पर चुनाव कैंपेन की शुरुआत कर रही है। आज से 12 साल पहले छोटा सा काफिला चला था। उसके बाद से लोग जुड़ते चले गए। बीते 10 वर्षों में आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी बन गई। दो राज्यों में हमारी सरकार है। शायद 10 वर्षों में किसी पार्टी ने इतनी कामयाबी हासिल नहीं की होगी। हमें दिल्ली के लोगों से बेहद प्यार मिला है। ऐसा बहुमत देश में कहीं पर किसी को नहीं दिया, क्योंकि हम काम की राजनीति करते हैं। दिल्ली में हमने मुफ्त बिजली, पानी के साथ मोहल्ला क्लीनिक दिए हैं, लेकिन केंद्र सरकार के दिल्ली के साथ जो व्यवहार कर रही है वो गलत है। मोहल्ला क्लीनिक की दवाएं रोक दीं, बिलजी काट दी। जो स्कूल जो रहे थे वो रोक दिए गए। बार-बार सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाती है तो उसे भी अध्यादेश लाकर पलट दिया।
भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में हमारे पास 92 और दिल्ली में 62 विधायक हैं। अगर यह कम होते तो पता नहीं कब सरकार को गिरा दी होती। आप लोग हिमाचल प्रदेश का हाल देख लो। उन्होंने बिना नाम लिए इशारों में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग चुनते नहीं है, ये चुने हुए लोगों को खरीदते हैं। आज हमारे नेताओं को लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं। इन नोटिस की एक किताब बन जाएगी। मेरी समझ में नहीं आता है कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाड़ु और दिल्ली के मु्ख्यमंत्री को राज्यपाल एवं उपराज्यपाल मुख्यमंत्रियों को क्यों चिट्ठी लिखते हैं। इनके राज्यों में मुख्यमंत्रियों को क्यों चिट्ठी नहीं लिखते।