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दारू के बाद अब दवा पर CBI जांच, LG की सिफारिश गृह मंत्रालय से मंजूर

नई दिल्ली
अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार अब दवा से लेकर दारू तक घिरती दिख रही है। आए दिन 'आप' सकार के लिए नई-नई मुश्किलें पैदा हो रही हैं। गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कथित घटिया दवाओं की सप्लाई की सीबीआई जांच कराने को हरी झंडी दिखा दी है। सूत्रों ने शुक्रवार को इस बारे में बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में घटिया दवाओं की सप्लाई की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच का आदेश दिया है। दिसंबर में दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना ने गृह मंत्रालय से मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री बोले- सीबीआई जांच का स्वागत
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कथित घटिया दवाओं की सप्लाई की सीबीआई जांच का स्वागत करते हुएए स्वास्थ्य विभाग के सचिव को तत्काल सस्पेंड करने की मांग की है। उन्होंने कहा, "मैंने पिछले साल मार्च में पद संभालने के तुरंत बाद दवाओं का ऑडिट करने के निर्देश दिए थे, लेकिन दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव ने निर्देशों का पालन नहीं किया। मैं इस मामले की सीबीआई जांच का स्वागत करता हूं, लेकिन केंद्र इस अधिकारी को क्यों बचा रहा है।" भारद्वाज ने कहा, ''उन्हें तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए।''

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने 28 दिसंबर 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर उससे दिल्ली सरकार के अधीन अस्पतालों में घटिया दवाओं की सप्लाई की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी। दिल्ली के उपराज्यपाल सक्सेना ने ऐसी दवाओं की कथित आपूर्ति की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी जो 'गुणवत्ता मानक जांच' में फेल हो गई थीं तथा जिनसे 'लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है।'

सतर्कता निदेशालय द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे गए पत्र में कहा गया था, ''मुझे यह कहने का निर्देश दिया गया है कि 'खराब गुणवत्ता' वाली ऐसी दवाओं की सप्लाई पर कार्रवाई केंद्रीय खरीद एजेंसी (सीपीए) तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि पूरी सप्लाई चेन की जांच करने की जरूरत है और उस जांच में विनिर्माताओं से दवा खरीदने वाले एवं उन दवाओं को अस्पतालों (मरीजों) तक पहुंचाने वाले सप्लायर्स की भूमिका की भी जांच हो।''

उसमें कहा गया, ''मामले की गंभीरता तथा 'घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं' की सप्लाई के सिलसिले में कंपनी की मंशा से पर्दा हटाने की जरूरत है और आगे की जांच के लिए मामले को सीबीआई को सौंपे जाने का अनुरोध किया जाता है।'' अधिकारियों के अनुसार, जो घटिया दवाएं पाई गई हैं, उनमें फेफड़े और पेशाब नली के संक्रमण के इलाज में काम आने वाली दवा 'सेफालेक्सिन' शामिल हैं। उपराज्यपालज को सौंपी गई सतर्कता विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी लैबों को भेजे गए दवाओं के 43 नमूनों में से तीन टेस्ट में फेल रहे और 12 रिपोर्ट लंबित थीं। इसके अलावा, निजी लैबों को भेजे गए अन्य 43 नमूनों में से पांच फेल रहे।

हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा था कि दिल्ली सरकार मामले में जांच लंबित रहने तक उपराज्यपाल वीके सक्सेना से स्वास्थ्य सचिव को निलंबित करने की सिफारिश करेगी। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस मामले को लेकर स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।