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मां के कपड़ा सुखाते तक बच्चियां नहाने उतर गई तालाब में और हो गई चार बच्चियों की मौत…

इम्पेक्ट न्यूज. कांकेर।

ईश्वर भी कैसा है, कितना कठोर… कभी—कभी यह मन में विचार जरूर आता है कि वह विधाता है उसके पास अधिकार है जन्म देने का और लील लेने का… पर यह क्या चार अबोध बालिकाओं को एक साथ लील लिया ईश्वर… ये तेरी कैसी लीला… हां ऐसा ही दारूण दुख भरी घटना कांकेर जिले के रावस गांव में आज दोपहर घट गई। मां के साथ कपड़ा धोने तालाब के किनारे पहुंची चार बालिकाओं की उसी तालाब में डूबने से मौत् हो गई।

मौत का कुआं साबित हुआ यही तालाब…

जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर रावस गांव में 4 सगी बहनों की तालाब में डूबने से मौत की इस घटना के दौरान बच्चों को बचाने उतरी मां को लोगों ने ना बचाया होता तो वह भी मौत के आगोश में समा जाती। बचाते ग्रामीणों ने बताया कि वह भी बच्चों को बचाने के लिए तालाब में उतर गई… गहराई में डूब रही थी जिसे बचा लिया है।

अपनी चार संतानों को आंखों से सामने मरता देख जहां मां सदमे में है तो वहीं गांव में मातम पसर गया है। रावस निवासी फूलचंद नेताम की चारों बेटियां नेत्रा (12 साल), गिरजा (9 साल), नर्मदा (7 साल) और भूमिका (4 साल) अपनी मां के साथ तालाब गई थी।

बच्चियों की मां ने तालाब में कपड़ा धोया और उसके बाद कपड़े सुखाने के लिए चली गई। इस दौरान बच्चियों ने तालाब में नहाने की जिद भी की थी। जिस पर उनकी मां ने कपड़े सुखा कर आने के बाद नहाने की बात कही। मां की गैर मौजूदगी में बच्चियां तालाब में उतर गईं। जिसमें तीन बहनें गहराई में जाने से डूबने लगी। उन्हें बचाने सबसे बड़ी बहन भी तालाब में उतर गई और वह भी गहरे पानी में जाने से डूब गई।

इस दौरान मौके पर पहुंची बच्चियों की मां ने बच्चियों को डूबता देख तालाब में छलांग लगा दी, जिसकी चीख सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्होंने उसे जैसे-तैसे बाहर निकाला।

गांव में पसरा मातम

जब तक ग्रामीणों ने चारों बच्चियों को बाहर निकाला तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। एक ही परिवार की चार मासूम बच्चियों की मौत से पूरे गांव में मातम पसर गया है। सूचना मिलने के बाद एसडीएम यूएस बन्दे ने बताया कि सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। चारों बच्चियों का पोस्टमार्टम करवा शव उन्हें सौंपा जाएगा।

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