State News

कांग्रेस मुख्यालय से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का केंद्र और जांच एजेंसियों पर सबसे बड़ा हमला… ईडी और आईटी के सहारे भाजपा सरकार चाहती है…

Getting your Trinity Audio player ready...

इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।दिल्ली।

करीब आधे घंटे तक पत्रकारों से मुखातिब होते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मजाक करते कहा कि बहुत लोग दबाने में लगे हैं। छत्तीसगढ़ में यही कोशिश की जा रही है कि किस तरह से दबाया जाए? चाहे वह राजनेता हो या पार्टी का पदाधिकारी, अधिकारी और कर्मचारी… यह सिलसिला शुरू होता है जुलाई 2020 से… झारखंड चुनाव में बुरी तरह मात खाने के बाद इन लोगों ने इसकी शुरूआत की और आईटी ने रेड डाला शराब घोटाला के नाम से प्रचारित किया गया… और इस शराब घोटाले में 2019 में और 2020 में सीएजी की रिपोर्ट भी है उन्होंने जांच भी की। उसके बाद वे ढाई साल तक चुप रहे चुनाव नजदीक आते ही जबकि सारे कागजात ईडी को सौंप दिया गया था। उसके बाद ईडी सक्रिय होती है और फिर उन्हीं लोगों को बुलाते हैं और कहा जाता है 2168 करोड़ का घोटाला हुआ है।

शराब घोटाले में यह भी कहा गया कि नकली होलाग्राम का प्रयोग किया गया। सबसे मजेदार बात यह है कि यदि नकली होलोग्राम का प्रयोग हुआ तो जो डिस्टलर है वही तो करेगा उसकी ही फैक्ट्री में उसका उपयोग हुआ। लेकिन डिस्टलर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। बचत लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई। उसके घर में ज्वैलरी भी पाए, नगद भी पाए किसी को जप्त नहीं किया। और कहा गया कि 2168 करोड़ का घोटाला हुआ इस मामले में चल—अचल संपत्ति 2018 के पहले का भी जप्त करने के बाद भी 200 करोड़ के आस—पास की संपत्ति जप्त नहीं की गई।

2018 में हमारी सरकार बनी उससे पहले जो रेवेन्यू है आबकारी की वो 3900 करोड़ की थी। अब बढ़कर 6500 करोड़ हो गई। और आरोप यह लगाया गया ईडी के द्वारा कि राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचाया गया। जबकि आंकड़ा साफ है 3900 करोड़ से बढ़कर 6500 करोड़ हो गया।

दूसरी बात कोल स्कैम का आरोप लगाया 500 करोड़ का एफआईआर दर्ज हुआ कर्नाटक में, फिर दर्ज हो गया भोपाल में अब नोएडा में भी हो गया… और उसके बाद चार बार सप्लीमेंट्री चालान प्रस्तुत कर चुके हैं। इस मामले में सभी संपत्ति मिलाकर डेढ़ सौ करोड़ पहुंचा है। आरोप 500 करोड़ का है लेकिन संपत्ति डेढ़सौ करोड़… वो बता ही नहीं पा रहे…

तीसरी बात महत्वपूर्ण है अभी लगातार जो कोशिश की जा रही है कि धान में भी पैडी में भी स्कैम हुआ! सारे राईसमिल में छापा डाले गए। आईटी के द्वारा अब ईडी धीरे से घुसेगी। तकलीफ उनको यह है कि किसानों का 107 लाख मिटरिक टन धान मिलिंग कैसे हो गया? अभी तक होता यह था कि धान बाहर में पड़ा रहता था जैसे मध्यप्रदेश की खबरें आती हैं कि गेहूं बाहर में पड़ा हुआ है और सड़ गया। छत्तीसगढ़ में खबरें आती थी धान खुले में पड़ा हुआ है भीग गया, सूख गया और सड़ गया… वो सारे नुकसान हमने बचाए उनको हो गई परेशानी। अब उसमें घुसे हुए हैं।

अभी डीएमएफ में भी मजेदात बात यह है भारतीय जनता पार्टी सरकार के द्वारा बिना कोई ईसीआईआर के माइनिंग डायरेक्टर को चिट्ठी लिखते हैं कि कितना काम हुआ वो हमकों बताएं? उसी प्रकार से एक सवाल रजिस्ट्रार को भी किया जाता है कितने जमीन की रजिस्ट्री इन तीन चार सालों में जब से हमारी सरकार बनी है। कितनी रजिस्ट्री हुई है? अभी कर क्या रहे हैं कर ये रहे हैं घरों में जाते हैं सबसे पहले मोबाइल जप्त करते हैं फिर संपत्ति, ज्वेलरी, रूपया जो नगद है उसको सीज करते हैं बैंक खाते सीज करते हैं डायरियों हो या कुछ कच्चे में लिखा हो सबको पढ़ते हैं। पांच—छह दिन तक घर में बंधक बनाकर रखते हैं। चाहे वहां वृद्ध माता पिता हो बीमार हो उनसे उनको काई लेना देना नहीं…

सवाल तो उनके पास होते नहीं जब तक उपर से आदेश नहीं मिलता तब तक बैठे रहते हैं फिर वे राजनीतिक सवाल शुरू करते हैं। तुम्हारी क्या भूमिका है तुम किस पार्टी से हो तुम कितने सीट जीतने वाले हो… इससे क्या होगा? उससे क्या होगा? वो सारे राजनीतिक सवाल भी पूछना शुरू कर देते हैं। ऐसे—ऐसे केस हैं जिनमें ईसीआईआर नंबर नहीं है ये लोग उनके घरों में पहुंचकर प्रताड़ित करने और बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं… अभी हमारे राष्ट्रीय महाधिवेशन में बहुत सारे पत्रकार साथी गए भी थे और ईडी के अधिकारी हमारे पार्टी के पदाधिकारियों के यहां बिना ईसीआईआर नंबर के पहुंच गए जो कि नहीं कर सकते नहीं करना चाहिए। ईडी के अधिकारी वो तो जो वेंडर है उसके यहां भी पहुंच गए।

अभी कल ही मेरे राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के यहां पहुंच गए। मेरे ओएसडी हैं चूंकि मुख्यमंत्री होने के नाते क्षेत्र में ओएसडी नियु​क्त करते हैं किसी की बीमारी का किसी का और कोई काम है जो दैनंदिनी आते हैं जिन्हें हम समय नहीं दे पाते वो सारे काम वो लोग करते हैं उसके घर में पहुंच गए। मिला कुछ नहीं… दिन भर बिठाकर रखे! इसका मतलब यह है कि पाटन में भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी नहीं लड़ेगा बल्कि ईडी और आईटी लड़ेंगे…!

एक बात और आपसे कहना चाहता हूं कि पहले आईटी ने छापा डाला फिर ईडी घुसी अब वो कोर्ट में एप्लिकेशन लगाए हैं कि इसमें अब सीबीआई जांच होना चाहिए। तीन—साढ़े तीन साल जांच करने के बाद… सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच में रोक लगाए जाने के बाद नोएडा में एफआईआर भी होता है और उसके साथ ही बिलासपुर हाईकोर्ट में एप्लिकेशन लगाते हैं कि​ इसकी सीबीआई जांच होना चाहिए! इसका मतलब यह है कि आईटी और ईडी दोनों अक्षम हैं नाकाम हैं, नकारा हैं? उन्होंने खुद स्वीकार कर लिया कि अब सीबीआई जांच उन्हीं केसों में… कुल मिलाकर उद्देश्य यह है चलती हुई सरकार को किस प्रकार से बदनाम किया जाए। उसके किस प्रकार से बाधित किया जाए। एकमात्र उद्देश्य राजनीतिक है। और राजनीति के अलावा कुछ भी नहीं है…

नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस कान्फरेंस कर केंद्र सरकार, प्रवर्तन निदेशालय समेत सभी जांच एजेंसियों के खिलाफ जमकर हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि ईडी के अफसर छत्तीसगढ़ में बोरे में बंद कर ‘बंदर को कुत्ता हूं कहने के लिए दबाव डाल रहे हैं।’

क्या अगला नंबर भूपेश बघेल का है हम लोग छत्तीसगढ के लोग है हम मरने से नहीं डरते! जेल तो भेज कर देख चुके हैं। मुझे भी भेज चुके हैं और विनोद वर्मा को भी भेज चुके हैं। कल उनके घर कल दिन भर जांच करते रहे।

मुख्यमंत्री ने पहली बार नई दिल्ली जाकर कांग्रेस के मुख्यालय से प्रेस कान्फरेंस कर महादेव एप मामले में छत्तीसगढ़ में की जा रही कार्रवाई के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए… ​देखिए वे क्या कह रहे हैं…