‘घड़ी को उल्टी दिशा में चलाने जैसा’… आर्मी डेंटल कॉर्प्स में महिलाओं के लिए 10% आरक्षण पर SC नाराज…
इम्पैक्ट डेस्क.
आर्मी डेंटल कॉर्प्स (ADC) में महिलाओं की भर्ती के लिए केवल 10% रिक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्मी डेंटल कॉर्प्स में महिलाओं की भर्ती के लिए केवल 10% रिक्तियों को रखना “घड़ी को उल्टी दिशा में चलाने जैसा है।” 11 अप्रैल को एक सुनवाई में, शीर्ष अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया, भर्ती परीक्षा में “2394 रैंक तक” पुरुषों को भाग लेने और महिलाओं को “केवल 235 रैंक तक” भाग लेने की अनुमति देने का सेना का रुख भेदभावपूर्ण है। शीर्ष अदालत ने रक्षा सेवाओं को निर्देश दिया है कि चयन प्रक्रिया में अधिक संख्या में महिला उम्मीदवारों को भाग लेने की अनुमति दी जाए।
टाइम्स ऑइ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि केंद्र ने एडीसी में पुरुषों के लिए इस तरह के आरक्षण पर कोई आदेश पारित नहीं किया है। यह फैसला सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा प्रमुख द्वारा आंतरिक रूप से लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी देखा कि “10 गुना अधिक मेधावी” महिला उम्मीदवारों को नजरअंदाज किया जा रहा है। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की खंडपीठ ने 11 अप्रैल को एक अंतरिम आदेश में कहा, “महिलाओं को पुरुषों के साथ निष्पक्ष रूप से प्रतिस्पर्धा करने से वंचित करना संविधान के अनुच्छेद 15 के खिलाफ है, जो समानता की गारंटी देता है।”
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने एडीसी भर्ती परिणामों पर पूर्व में दिए गए “यथास्थिति” को रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं। कोयम्बटूर की डॉ गोपिका नायर द्वारा दायर एक याचिका के मद्देनजर हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा था। शुरुआत में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश देते हुए, SC ने अब यह भी आदेश दिया है कि जिन महिला उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, उनका इंटरव्यू आयोजित किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम पाते हैं कि इस तरह के रुख के कारण एक विषम स्थिति पैदा हो गई है। जहां एक पुरुष उम्मीदवार जो एक महिला उम्मीदवार की तुलना में 10 गुना कम मेधावी है, उसे चयन प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति है, लेकिन एक महिला उम्मीदवार जो एक पुरुष उम्मीदवार की तुलना में 10 गुना मेधावी है, वह चयन प्रक्रिया में भाग लेने से वंचित है।”
एडीसी में इस तरह के लैंगिक भेदभाव का संज्ञान लेते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी अहम टिप्पणी की थी। चंडीगढ़ में उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित याचिका में, याचिकाकर्ता डॉ. सतबीर कौर ने आरोप लगाया था कि सेना ने 30 रिक्तियों में से 27 रिक्तियों को पुरुषों के लिए आरक्षित किया है।