ट्विटर की ब्लू सब्सक्रिप्शन सर्विस री-लॉन्च… आईफोन यूजर्स को चुकानी होगी ज्यादा कीमत…
इम्पैक्ट डेस्क.
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने एक बार फिर पेड प्रीमियम वेरिफिकेशन सर्विस ‘ट्विटर ब्लू’ को लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने सोमवार यानी आज से इस सर्विस को कुछ बदलाव के साथ पेश किया है। कंपनी ने कहा कि यूजर्स अब ट्विटर ब्लू का सब्सक्रिप्शन खरीद सकते हैं, ताकि वे ब्लू वेरिफाइड अकाउंट और विशेष फीचर हासिल कर सकें। इस सर्विस को पहले फर्जी अकाउंट्स की समस्या के चलते बंद कर दिया गया था।
आईफोन यूजर्स को चुकाने होंने ज्यादा पैसे
ट्विटर ने शनिवार को इस सर्विस को रिलॉन्च करने की जानकारी दी थी। कंपनी ने लिखा, ” हम सोमवार को ट्विटर ब्लू फिर से शुरू कर रहे हैं। यूजर्स को वेब पर सदस्यता के लिए 8 डॉलर प्रतिमाह और iOS पर ब्लू चेकमार्क सहित यूजर्स फीचर्स तक पहुंच प्राप्त करने के लिए 11 डॉलर प्रतिमाह का भुगतान करना होगा।” सब्सक्रिप्शन लेने के बाद आपको एडिट ट्वीट, 1080p वीडियो अपलोड रीडर मोड और ब्लू टिक की सुविधा मिलेगी।”
फोटो बदलने से चला जाएगा ब्लू टिक
ट्विटर ने जानकारी देते हुए बताया कि सब्सक्राइबर अपना हैंडल, डिस्प्ले नाम या प्रोफाइल फोटो बदल सकेंगे, लेकिन अगर वे ऐसा करते हैं, तो उनके अकाउंट से तब तक ब्लू टिक हट जाएगा, जब तक की ट्विटर द्वारा फिर से उनका अकाउंट वेरिफाई नहीं किया जाता। यानी आप प्रोफाइल फोटो बदलते हैं तो आपको ब्लू टिक के लिए अकाउंट फिर से वेरिफाई कराना होगा।
पेड प्रीमियम वेरिफिकेशन सर्विस को शुरू करते हुए ट्विटर ने लिखा, “आपके धैर्य के लिए धन्यवाद क्योंकि हमने ब्लू सर्विस को बेहतर बनाने के लिए काम किया है – हम उत्साहित हैं और जल्द ही आपके साथ और शेयर करने की उम्मीद कर रहे हैं!”
पहले करना पड़ा था बंद
एलन मस्क ने अक्टूबर में 44 अरब डॉलर में ट्विटर अधिग्रहण करने के बाद कई बड़े बदलाव किए थे, जिनमें से प्रति माह आठ डॉलर के शुल्क में ब्लू टिक सब्सक्रिप्शन देना भी शामिल है। इस सर्विस को पहले भी शुरू किया गया था, लेकिन अमेरिका में कई फर्जी ट्विटर अकाउंट्स ने 8 डॉलर का भुगतान कर पहले ब्लू टिक हासिल और इसके बाद इन अकाउंट्स से फेक ट्वीट किए गए, इससे परेशान होकर ट्विटर नेब्लू टिक सब्सक्राइबर सेवा को रोकने के आदेश दिए थे। बता दें कि ब्लू टिक वाले फर्जी अकाउंट्स के ट्वीट से अमेरिकी फार्मा कंपनी एली लिलि को करीब 1,223 अरब रुपये का नुकसान झेलना पड़ा था।