दीवार बनी कफन : वो मंजर, जिसे देख सबकी आंखों में आ जाए आंसू… ‘मां की छाती से लिपटी थी मासूम बच्ची, हाथ में मिला टूटा खिलौना’, हादसे में हुई थी 9 लोगों की मौत… वीभत्स नजारा… SDRF ने बयां की दर्दनाक की कहानी…
इम्पैक्ट डेस्क.
लखनऊ के कैंट इलाके के दिलकुशां में सेना के आफिसर्स कालोनी गौर इंक्लेव की दीवार तीन दिन से हो रही बारिश में भरभराकर गिर गई। दीवार के मलबे में दबकर दो परिवार के नौ लोगों की मौत हो गई। सभी वहीं निर्माणाधीन दीवार के नीचे मजदूरी करते थे। इस दौरान एक वीभत्स नजारा भी दिखाई दिया। यहां मां दीवार के नीचे दबी हुई थी। उसके पैर दिख रहे थे। एक बच्ची का हाथ भी नजर आ रहा था, जिसमें टूटा हुआ खिलौना था। जब मलबा हटाया गया तो मां की छाती से लिपटी बच्ची दिखी। दोनों की मौत हो चुकी थी। मजदूर भी मलबे के नीचे बुरी तरह दबे हुए थे। किसी का सिर ईंटों के नीचे था तो किसी के पेट पर दीवार का मलबा पड़ा था। ये वीभत्स नजारा एसडीआरएफ की टीम को दिलकुशा में दीवार गिरने से हुए हादसे में रेस्क्यू के दौरान दिखा।
दिलकुशा में सैन्य अफसरों का गौर एन्क्लेव है, जहां 150 से अधिक अफसर रहते हैं। भारी बारिश के चलते बृहस्पतिवार देर रात दीवार से सटे मजदूरों के आशियाने पर एन्क्लेव की दीवार भरभराकर गिर गई।
हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई। एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर एक मजदूर को बाहर निकालकर सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका ऑपरेशन करीब तीन घंटे तक चला।
एसडीआरएफ के कमांडेंट सतीश कुमार ने बताया कि हादसा रात करीब ढाई बजे का है। सुबह साढ़े चार बजे एसडीआरएफ को सूचना मिली। बारिश की वजह से कीचड़ था तथा जंगल होने से रेस्क्यू आसान नहीं था।
पांच बजे टीम पहुंची और रेस्क्यू शुरू हुआ। दीवार का मलबा हटाने व शवों को स्ट्रेचर पर रखकर निकाला गया और एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। रेस्क्यू पूरा करने में करीब तीन घंटे लग गए। इसमें 30 एसडीआरएफ कर्मी शामिल रहे।
बारिश ने बढ़ाई मुसीबत : मोबाइल, टॉर्च व हेडलाइट की रोशनी में चला रेस्क्यू
मौके पर रेस्क्यू के दौरान बारिश ने रेस्क्यू को और कठिन कर दिया। दीवार के निकट बनी सड़क जलमग्न थी। दोनों ओर जंगल थे। अंधेरा था। ऐसे में बारिश होने के कारण रेस्क्यू में अड़चनें आ रही थीं। अंधेरा होने के कारण मोबाइल की रोशनी, टॉर्च व गाड़ियों की हेडलाइट का इस्तेमाल रेस्क्यू किया गया।
कंटीले तार में फंसे थे हाथ
रेस्क्यू के दौरान दीवार पर लगे कंटीले तारों ने भी मुश्किलें बढ़ाईं। एसडीआरएफ की टीम ने खासी मशक्कत कर दीवार के नीचे दबे सभी लोगों को बाहर निकाला। कंटीले तार में मजदूर के हाथ भी फंसे मिले। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि मजदूर ने बचने की कोशिश की होगी, पर कंटीले तारों ने कोशिशों पर पानी फेर दिया।