बड़ी खबर : Vivo समेत चीनी कंपनियों पर बड़ा एक्शन… देशभर में 44 ठिकानों पर ED का छापा…
इम्पैक्ट डेस्क.
चीनी स्मार्टफोन मोबाइल निर्माता वीवो व उससे संबंधित कंपनियों के खिलाफ मंगलवार को ईडी की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई। ईडी की टीम ने देशभर में वीवो व उससे संबंधित कंपनियों के 44 ठिकानों पर छापेमारी की। जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश समेत दक्षिण भारत के कई राज्यों में ईडी की ओर से यह कार्रवाई की गई है।
जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई है। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी जारी है और जरूरी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इस मामले में सीबीआई भी जांच कर रही है। बता दें, चाइनीज फर्म पहले से ही भारतीय जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं।
वित्तीय अनियमितताओं का मामला आया था सामने
इसी साल मई में चीनी फर्म ZTE कॉर्प और वीवो को वित्तीय अनियमितताओं के चलते जांच का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा Xiaomi Corp. भी जांच के दायरे में है। दरअसल, भारत-चीन के बीच सीमा पर टकराव के बाद चीनी कंपनियों पर भारत सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है। तब से अब तक टिकटॉक समेत 200 से ज्यादा मोबाइल ऐप बैन हो चुके हैं।
कंपनी से हो चुकी है 220 करोड़ की वसूली
इससे पहले मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का गुरुग्राम स्थित एचएसबीसी बैंक का खाता अटैच कर राज्य वस्तु एवं सेवाकर (एसजीएसटी) विभाग ने 220.13 करोड़ रुपये की वसूली की है। साल 2020 में नियमों का उल्लंघन कर रिटर्न दाखिल करने के दौरान 110.06 करोड़ रुपये अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ लेने के मामले में यह कार्रवाई की गई है।
फरवरी से सितंबर 2020 तक कंपनी की ओर से दाखिल की गई जीएसटी रिटर्न की जांच कराई गई थी। डाटा मूल्यांकन के आधार पर पता चला कि दाखिल रिटर्न से 110.06 करोड़ रुपये अधिक का आईटीसी क्लेम किया गया है। अनियमितता के आधार पर सेक्टर ऑफिसर की ओर से कंपनी को धारा-74 के अंतर्गत नोटिस जारी किया गया था। विधि अनुरूप नोटिस का जवाब न मिलने पर उपायुक्त खंड-2 गौतमबुद्ध नगर जितेंद्र प्रताप सिंह ने कंपनी के खिलाफ 7 अप्रैल 2021 को आदेश जारी कर आईटीसी की राशि के साथ उतनी ही जुर्माना राशि मिलाकर 220.13 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश जारी किया था। आदेश के खिलाफ कंपनी उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की थी, लेकिन न्यायालय की तरफ से कोई राहत नहीं मिली।