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शिंदे कैंप की उद्धव को खुली चिट्ठी- ढाई साल में कभी नहीं खुले CM आवास के दरवाजे… बागी विधायकों ने भी लगाए कई गंभीर आरोप…

इम्पैक्ट डेस्क.

आपने जब वर्षा को छोड़ा तो काफी भीड़ वहां दिखाई दी। अच्छा हुआ कि पहली बार इस बंगले के दरवाजे आम लोगों के लिए भी खोले गए। पिछले ढाई साल से इस बंगले के दरवाजे बंद थे। विधायक होकर भी हमें आपसे मिलने के लिए आपके करीबियों के आगे-पीछे घूमना पड़ता है।

आपके पास इकट्ठा हुए कथित चाणक्यों ने हमें राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव की रणनीति से दूर रखा गया। नतीजा अब सबके सामने है। हमें कहा गया कि आप छठी मंजिल पर आप लोगों से मिल सकते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। अपने विधानसभा क्षेत्रों पर काम के लिए हमने कई बार संपर्क किया तो फोन तक नहीं उठते। ये सारी चीजें हम भुगत रहे थे और सभी विधायकों ने यह सहन किया है। हमने आपके आसपास के लोगों को यह बताने की कोशिश की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यह सब जब हुआ तो एकनाथ शिंदे हमारे लिए तैयार रहे और चिंता की।

अब हम सब न्याय और हक के लिए एकजुट हुए हैं। इसीलिए हमने उन्हें नेता मानते हुए यह फैसला लिया है। हिंदुत्व, अयोध्या और राम मंदिर शिवसेना के मुद्दे हैं, लेकिन हमें रोक दिया गया। कई विधायकों को खुद उद्धव ठाकरे ने ही अयोध्या जाने से रोक दिया। राज्यसभा चुनाव में शिवसेना का एक भी वोट क्रॉस वोट नहीं हुआ था।

इसके बाद भी विधान परिषद चुनाव से पहले हम पर अविश्वास जताया गया। हमें भी रामलला के दर्शन करने थे, लेकिन ऐसा क्यों नहीं करने दिया गया। हमें कभी वर्षा पर जाने की परमिशन नहीं मिली। एनसीपी और कांग्रेस के लोग आसानी से मिल जाते थे, लेकिन हमें एक्सेस नहीं था।