सकारात्मक सोच के साथ कुछ भी असंभव नहीं… हार्टअटैक के बाद लगा सब कुछ खत्म लेकिन जहां चाह है वहीं राह है : डॉ दानेश्वरी अवधेश… राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके के हाथों पीएचडी. की उपाधि प्राप्त की…
इम्पैक्ट डेस्क. दंतेवाड़ा.
छत्तीसगढ़ शासन के जनसंपर्क विभाग की सहायक संचालक और दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जनसंपर्क कार्यालय में
पदस्त दानेश्वरी अवधेश ने सोमवार को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज आडोटोरियम में कुलाधिपति और राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके के हाथों पीएचडी. की उपाधि प्राप्त की, मॉस कम्युनिकेशन सब्जेक्ट में पीएचडी की उपाधि आसान नहीं थी, बेहद कठिन परिश्रम और जटिल शोध कार्य के बाद उन्हें यह उपाधि प्राप्त हुई है, पीएच_डी. को लेकर अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देशभर में उच्च शिक्षा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है, बीते सालों से पीएचडी के नियमों में बदलाव के बाद इसके प्रति ना केवल लोगों का आकर्षण बढ़ा है बल्कि उच्च शिक्षा में सर्वोच्च डिग्री में से एक माने जाने वाली पीएचडी करियर ग्रोथ में भी सहायक साबित हो रहा है, उन्होंने बताया कि उनके विषय “रायपुर नगरीय क्षेत्र की महिलाओं में टीवी धारावाहिकों की अभिरुचि का अध्ययन” को पूरा करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था मगर अपने सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते गई और शोध कार्य पूर्ण होता गया।
‘हार्टअटैक के बाद लगा कि सब कुछ खत्म हो गया’
पीएच_डी. करने के दौरान इसी साल 3 जनवरी को दानेश्वरी अवधेश को हार्ट फेलियर की शिकायत हुई आनन-फानन में हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया लंबे संघर्ष के बाद वो संभली और फिर से अपने शोध कार्य में जुट गई और समय रहते पूर्ण कर सोमवार को एक गरिमामय कार्यक्रम में उपाधि प्राप्त की।
दंतेवाड़ा में रहकर शोध लेखन करते रही
बस्तर के सुदूर अंचल दंतेवाड़ा में कार्यकर्त रहने के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए दानेश्वरी ने अपना शोध लेखन किया जिसे परीक्षक ने बेहद सराहा और खुले मंच से तारीफ की।
उच्च शिक्षा के प्रति जागरूक करना है लक्ष्य
डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद अपने लक्ष्यों पर चर्चा करते हुए डॉ दानेश्वरी ने कहा कि शिक्षा के प्रति लोग जागरूक तो हैं मगर उच्च शिक्षा को लेकर अब भी सुदूर अंचलों में जागरूकता की कुछ कमी है, इन क्षेत्रों में लोगों को उच्च शिक्षा के प्रति जागरूक करना उनके लक्ष्यों में शामिल है।