प्रशासन बताए नगर पंचायत, पालिका में ग्राम पंचायतों को निर्माण कार्य का अधिकार किसने दिया : अजय सिंह… नगरीय निकायोें में ग्राम पंचायतों को एजेंसी बनाने पर युवा आयोग सदस्य ने उठाए सवाल…
प्रशासन पर आरोप-नियम विरुद्ध काम कर नगरीय निकायों के अधिकारों का हनन…
इंपैक्ट डेस्क.
बीजापुर। जिले के नगरीय निकायों में निर्माण एजेंसी निर्धारण को लेकर विवादस्पद स्थिति देखने को मिली है। ताजा मामला नगरीय निकायों में ग्राम पंचायतों की दखल से जुड़ा है। जिसमें नगरीय निकायों में डीएमएफ समेत विभिन्न मदों से स्वीकृत कार्यों के लिए नियमतः जहां नगर पंचायत अथवा पालिका को निर्माण एजेंसी का दारोमदार मिलना चाहिए, ऐसा ना होकर कार्य जनपद पंचायत को हस्तांतरित कर ग्राम पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाया जा रहा है।
इससे जुड़े कई प्रकरण हाल में सामने आए हैं, जिसके बाद राज्य युवा आयोग के सदस्य एवं बीजापुर जिला कांग्रेस के वरिष्ठ कद्दावर नेता अजय सिंह ने पूरे मामले को लेकर सीधे प्रशासन पर सवाल दागा है। लिखित शिकायत में उन्होंने प्रशासन से पूछा है कि भोपालपट्नम, भैरमगढ़ नगर पंचायत और बीजापुर नगरपालिका अंतर्गत निर्माण कार्यों के लिए नियमतः निर्माण एजेंसी नगर पंचायत अथवा पालिका को बनाया जाना होता है, लेकिन देखने को यह मिल रहा है कि डीएमएफ या अन्य मद से नगरीय क्षेत्रों के विकास के लिए स्वीकृत किए जा रहे कार्यों के लिए नगरीय निकायों को दरकिनार करते हुए जनपद पंचायतों को किस नियम के तहत निर्माण एजेंसी बनाया जा रहा है? आवेदन में इस बात का भी जिक्र है कि जनपद पंचायत को एजेंसी बनाने के बाद जपं ग्राम पंचायत को एजेंसी नियुक्त कर 50 रूपए के स्टॉम्प में अनुबंध कर ग्राम पंचायत से नगरीय क्षेत्रों में उन्हीं कार्येां को करवा रही है।
बेबाक युवा आयोग सदस्य ने मामले को नगरीय निकायों के अधिकारों का हनन मानते हुए प्रशासन से पूछा है कि किस नियम के तहत्, किन संवैधानिक अधिकारों के तहत्, शासन के कौन से निर्देश के तहत् ऐसा किया जा रहा है या प्रशासन को ऐसा कौन सा अधिकार संविधान ने दिया है, जिसकी बुनियाद पर नगरीय निकायों में स्वीकृत कार्यों को जनपद द्वारा ग्राम पंचायतों के माध्यम से कराने आदेशित किया गया है।
इस संबंध में फोन पर चर्चा में अजय का कहना है कि नगरीय क्षेत्र में ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाने का कोई प्रावधान नहीं हैं, जो भी हो रहा है नियम विरूद्ध हो रहा है। उन्होंने प्रशासन से पूरे विषय को तत्काल संज्ञान में लेते हुए अविलंब आवश्यक कार्रवाई करते हुए नगर निकायों को उनके अधिकार लौटाने की मांग की है। अजय का आरोप है कि प्रशासन नियम विरूद्ध काम कर रहा है। नगर पालिका, नगर पंचायत स्वतंत्र होता है अपने क्षेत्र में विकास के लिए, लेकिन नियम विरूद्ध ग्राम पंचायत की दखल के लिए और कोई नहीं बल्कि सीधे तौर पर प्रशासन खुद जिम्मेदार है। उनकी मांग है कि प्रशासन नियमों का पालन करें अन्यथा वे पूरे विषय को लेकर उच्च स्तर पर इसकी शिकायत करेंगे।