सरकार ने मानी सभी मांग, आज आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर सकते हैं किसान… देखें सरकार का प्रस्ताव…
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इम्पेक्ट न्यूज डेस्क।
केंद्र सरकार के नए प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से मुहर लगा दी है। मोर्चा का कहना है कि उक्त प्रस्ताव को सरकार की ओर से आधिकारिक दस्तावेज के रूप में भेजा जाए। इस आधार पर गुरुवार की दोपहर 12 बजे मोर्चा की बैठक में आंदोलन समाप्त कर घर वापसी पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। फिलहाल किसानों का आंदोलन जारी है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के वरिष्ठ नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि मंगलवार को सरकार ने जो प्रस्ताव भेजा था, उस पर मोर्चा के कई नेताओं ने आपत्तियां दर्ज कराई थी। जिसे सरकार को भेज दिया गया था। सरकार ने आगे बढ़ते हुए मोर्चा की लगभग सभी मांगें मान ली हैं। सरकार की ओर से बुधवार को भेजे गए संशोधित प्रस्ताव (नए प्रस्ताव) पर सभी नेताओं की सर्वसम्मति से आम सहमति बन गई है।
सरकार नए प्रस्ताव को गुरुवार तक आधिकारिक दस्तावेज के रूप में भेजती है तो गुरुवार को ही मोर्चा की होने वाली बैठक में अंतिम निर्णण लिया जाएगा। किसान नेता युद्धवीर सिंह, अशोक, शिव कुमार कक्का आदि ने बताया कि विवादित मुद्दे समाप्त हो गए हैं। सरकार व मोर्चा में आम राय बन गई है। अधिकांश मांगें मान ली गई हैं। हालांकि, लखीमपुर खीरी घटना के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी के सवाल पर मोर्चा के नेताओं ने कोई उत्तर नहीं दिया।
सरकार का नया प्रस्ताव
- एमएसपी कमेटी में केंद्र और एसकेएम के प्रतिनिधि होंगे। कमेटी तीन महीने में रिपोर्ट देगी, जो किसानों को एमएसपी किस तरह मिले, यह तय करेगी। वर्तमान में जो राज्य जिस फसल पर एमएसपी पर जितनी खरीद कर रहे हैं, वह जारी रहेगी।
- सभी केस तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकार ने इसके लिए सहमति दे दी है। केंद्र सरकार, रेलवे और अन्य दिल्ली सहित केंद्रशासित प्रदेशों की तरफ से दर्ज केस भी तत्काल वापस लिए जाएंगे। राज्यों को केंद्र सरकार भी अपील करेगी।
- हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने पंजाब की तरह मुआवजा देने पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। बिजली बिल पर किसानों के ऊपर असर डालने वाले प्रावधानों पर एसकेएम से चर्चा होगी। उससे पहले इसे संसद में पेश नहीं किया जाएगा।
- पराली को लेकर केंद्र सरकार के कानून की धारा 15 में जुर्माने के प्रावधान से किसान मुक्त होंगे।