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महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के बाद शिष्य आनंद गिरी समेत तीन गिरफ्तार…

न्यूज डेस्क।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का सोमवार शाम बाघंबरी मठ में निधन हो गया। पुलिस के अनुसार महंत नरेंद्र गिरि ने मठ के एक कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या की। बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे। हालांकि उनके अनुयायी हत्या का आरोप लगा रहे हैं। पुलिस ने जब पूछताछ शुरू की तो एक शिष्य ने बताया कि दोपहर 12 बजे गुरुजी सभी शिष्यों के पास पंगत में थे।

इसके बाद वह अपने आश्रम में गए। वहां से कुछ कागज लिए। कहा कि अतिथि गृह में कोई मिलने आ रहा है। उन्हें कॉल करके कोई परेशान नहीं करेगा। दोपहर में शिष्यों को लगा कि वह आराम कर रहे हैं लेकिन पांच बजे शाम को जब मंदिर जाने के लिए भी नहीं निकले तो खलबली मची। फोन करने पर भी कोई जवाब नहीं मिल रहा था।

शिष्यों ने दरवाजा खटखटाया। बाहर से एसी बंद कर दिया लेकिन फिर भी नहीं निकले तो धक्का देकर दरवाजा खोल दिया। कमरे के अंदर का दृश्य देखकर शिष्य चीख उठे। थोड़ी ही देर में वहां सन्नाटा छा गया। बड़े और छोटे सभी शिष्य पहुंच गए। सबसे पहले पुलिस के एक बड़े अधिकारी को कॉल करके जानकारी दी गई। इसके बाद लगभग साढ़े पांच बजे जार्जटाउन इंस्पेक्टर महेश सिंह को आत्महत्या की सूचना मिली।

पुलिस फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंची। कमरे के अंदर फांसी पर लटके महंत नरेंद्र गिरि का शव फंदा काटकर नीचे उतारा जा चुका था। वहीं पास में एक डिब्बे में सल्फास की गोलियां रखी थीं लेकिन उसे खोला नहीं गया था। पास में ही आठ पन्ने का सुसाइड नोट था।

इसकी जानकारी मिलते ही आईजी केपी सिंह, डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी और डीएम संजय खत्री समेत सभी अफसर पहुंच गए और विधिक कार्रवाई शुरू की। वहीं, बबलू नाम के एक शिष्य ने पुलिस को बताया कि एक दिन पहले ही गेहूं में रखने के लिए गुरुजी ने सल्फास की गोलियां मंगाई थी।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में उनके शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। देर शाम यूपी से सहारनपुर पुलिस और SOG की टीम हरिद्वार के आश्रम में पहुंची थी और करीब डेढ़ घंटे की पूछताछ के बाद आनंद गिरि को गिरफ्तार कर साथ ले गई।

महंत नरेंद्र गिरि की प्रयागराज में सोमवार को संदिग्ध हालात में मौत हुई थी। यूपी पुलिस को उनके कमरे से एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि और लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी व उनके बेटे संदीप तिवारी को मौत की वजह बताया था।

यूपी पुलिस की सूचना के बाद उत्तराखंड पुलिस ने देर रात को ही हरिद्वार के आश्रम में आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया था। आनंद के बाद आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी यूपी पुलिस ने पूछताछ के लिए प्रयागराज से हिरासत में ले लिया।

सोमवार शाम से ही उत्तराखंड पुलिस आनंद गिरि के कांगड़ी गाजीवाली स्थित आश्रम पहुंच गई थी और उन्हें हाउस अरेस्ट कर रखा था। रात करीब साढ़े 10 बजे यूपी पुलिस की सहारनपुर SOG की टीम पहुंची और बंद कमरे में करीब एक घंटे पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर साथ ले गई। हरिद्वार एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस आनंद गिरि को राज्य में लेकर चली गई है क्योंकि यह मामला उत्तर प्रदेश का है।

पुलिस, राजनेता तो कभी संतों से तनातनी, इन विवादों से घिरे रहे महंत नरेंद्र गिरि

देशभर के लाखों संतों की शीर्ष संस्था अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि डेढ़ दशक से अधिक समय से लगातार विवादों से घिरे रहे। बाघंबरी गद्दी संभालने के बाद उनका 2004 से विवादों का सिलसिला शुरू हुआ तो अंतिम सांस तक बना रहा। कभी पुलिस, कभी राजनेता, कभी संतों के साथ तनातनी हुई। हाल ही में उनका सबसे खास शिष्य आनंद गिरि से विवाद मीडिया की सुर्खियों में रहा। प्रस्तुत है महंत नरेंद्र गिरि से जुड़े विवाद:

शिष्य आनंद गिरि को अखाड़े से निकाला
महंत नरेंद्र गिरि और उनके सबसे खास शिष्य आनंद गिरि के बीच हरिद्वार कुंभ से दूरियां बढ़ गईं। स्वामी आनंद गिरि पर परिवार से संबंध रखने और मठ-मंदिर के धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए नरेंद्र गिरि ने उनके बाघम्बरी गद्दी मठ और बड़े हनुमान मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कई दिनों तक दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे। आखिरकार 26 मई को लखनऊ में आनंद गिरि ने गुरु का पैर पकड़कर माफी मांग ली थी।

आशीष गिरि की आत्महत्या पर उठे थे सवाल
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव महंत आशीष गिरि की 17 नवंबर 2019 को संदिग्ध स्थिति में मौत पर भी सवाल उठे थे। मूल रूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले आशीष गिरि दारागंज स्थित पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आश्रम में रहते थे। मौत के बाद कुछ लोगों ने महंत नरेंद्र गिरि पर भी सवाल उठाए थे। हालांकि बाद में पुलिस जांच में कुछ नहीं निकला।

बार बालाओं पर मंदिर के रुपये उड़ाने के आरोप
अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि से विवाद के बाद योग गुरु स्वामी आनंद गिरि ने मई में दो वीडियो जारी कर मंदिर के रुपयों के दुरुपयोग के आरोप लगाए थे। एक वीडियो में बार-बालाएं थिरक रही थीं और उनके साथ बड़े हनुमान मंदिर व मठ से जुड़े लोग डांस कर रहे थे। बार-बालाओं पर नोटों की बारिश भी की जा रही थी। दूसरे वीडियो में मंत्रोच्चार के बीच नोटों की बारिश हो रही थी। इसमें महंत नरेंद्र गिरि दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दे रहे थे।

बीयर बार-डिस्को संचालक को बनाया महामंडलेश्वर
नोएडा में दिल्ली-एनसीआर के सबसे बड़े डिस्को के साथ ही साथ बीयर बार के संचालक सचिन दत्ता उर्फ सच्चिदानंद गिरि को 31 जुलाई 2015 को महामंडलेश्वर बनाने के विवाद में भी नरेंद्र गिरि का नाम आया था। बाघंबरी गद्दी में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव और पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह की मौजूदगी में नरेंद्र गिरि ने सचिन का पट्टाभिषेक कर निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया था।

गनर के ऊपर आय से अधिक संपत्ति के आरोप
महंत स्वामी नरेंद्र गिरि के गनर रह चुके सिपाही अजय सिंह के ऊपर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे थे। इस सिपाही के रहन-सहन और ठाठ-बाट पर सवाल खड़ा करते हुए लखनऊ की आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों को पत्र भेजकर जांच कराने की मांग की थी। 61 लाख के फ्लैट पत्नी के नाम खरीदने का दावा किया था।

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