जगदलपुर में डीईओ बदलने की तैयारी… भारती प्रधान की वापसी होगी…
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इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।
बस्तर जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में भारती प्रधान की एक बार फिर जगदलपुर वापसी होगी। इस समय बलीराम बघेल डीईओ हैं। राशन घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री व फिलहाल रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में जिन चार डीईओ के निलंबन की घोषणा की थी उनमें भारती प्रधान भी शामिल थीं। निलंबन के बाद प्रधान को संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय में संलग्न किया गया था। इसके बाद राजनीतिक प्रयासों से भारती प्रधान को निलंबन से बहाल कर दिया गया पर डीपीआई में बतौर सहायक संचालक के तौर पर पदस्थ कर दिया गया।
क्या था राशन घोटाला
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कोविड के दौरान सूखा राशन प्रदान करने के लिए आबंटित करीब 18 करोड़ रुपए से बिना प्रक्रिया पूरी किए खरीदी कर शासकीय राशि के दुरूपयोग का मामला सामने आया था। विधानसभा में खरीदी घोटाले के सवाल पर तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में चार जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबित करने की घोषणा कर दी थी।
सदन में घोषणा के बाद अटका रहा आदेश
मजेदार बात तो यह है कि शिक्षा मंत्री द्वारा निलंबन की घोषणा के बाद भी निलंबन का आदेश जारी नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि इसके लिए बकायदा राजनीतिक तौर पर की गई पहल को बृजमोहन ने मान लिया और शांत रहे। पर इसी बीच जब लोकसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल निर्वाचित हो गए और अंतत: मंत्री पद से अपना त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद भारती प्रधान को जिला शिक्षा अधिकारी पद से निलंबित करने का आदेश जारी हो गया।
व्याख्याता से सफर प्रारंभ कर विभाग में पकड़
भारती प्रधान जगदलपुर की हैं। वे पहले व्याख्याता रहीं। इसके बाद राजीव गांधी शिक्षा मिशन में एपीसी थीं। इसके बाद डीएमसी रही। जिस समय जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र झा को हटाया गया तो उनके माध्यम से भारती प्रधान जिला शिक्षा अधिकारी के दायित्व में शामिल की गईं। मजेदार बात तो यह है कि संभागीय शिक्षा अधिकारी के तबादले बाद वे जेडी के चार्ज में भी रहीं। बताया जा रहा है कि उनके कार्यकाल में भी 80 से ज्यादा लोगों का तबादला किया। इस तबादला कांड को लेकर भारी बवाल भी मचा था। जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया भी लंबी चली। इस मामले में वे बची रह गईं।
पूर्ववर्ती सरकार में शिक्षामंत्री के पीए का साथ मिला
बताया जाता है कि कांग्रेस सरकार के दौरान शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम के पीए राठौर के माध्यम से डीईओ के तौर पर वे बनीं रहीं। उस दौर में डीपीआई में भी अच्छी लॉबिंग करने में कामयाबी हासिल थी। बड़ी बात तो यही है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन और जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष राजीव शर्मा दो विपरित ध्रुव रहे पर भारती प्रधान के पक्ष में दोनों ने साथ दिया। वहीं कांग्रेस के ही विधायक लखेश्वर बघेल से उनकी नहीं बनीं उन्होंने शिकायत की थी।
डीपीआई के सूत्र
सूत्रों का दावा है कि जगदलपुर में डीईओ की नवीन पदस्थापना के लिए मंत्री, विधायक व नेताओं के पत्र के आधार पर फाइल चल रही है। आने वाले समय में डीईओ के तौर पर पूर्व डीईओ की पुन: पदस्थापना का आदेश कभी भी जारी हो सकता है।