बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर बोलने कन्नी काट रहा USA ? बाइडन के बयान में जिक्र नहीं, मोदी ने उठाया मुद्दा
वॉशिंगटन
यूक्रेन की यात्रा के बाद पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच फोन पर बात हुई है। इस बातचीत के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करके बताया कि दोनों ने बांग्लादेश के हालात पर चर्चा की। साथ ही बांग्लादेश में सामान्य हालात की बहाली और हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। पीएम मोदी अब तक कम से कम 3 बार बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की खुलकर मांग कर चुके हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि पीएम मोदी ने बांग्लादेश के मुद्दे को अमेरिका से सीधे उठाया है जिसका मोहम्मद यूनुस सरकार पर काफी प्रभाव माना जा रहा है। पीएम मोदी ने जहां अपने बयान में बांग्लादेश का खुलकर जिक्र किया है, वहीं अमेरिका की ओर से जारी बाइडन के बयान में बांग्लादेश का जिक्र तक नहीं है।
अमेरिका की ओर से जारी बयान की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा है और बांग्लादेश के मुद्दे का जिक्र तक नहीं होने की चर्चा हो रही है। अमेरिका के दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगलमैन इस पूरे मामले पर कहते हैं, 'मुझे संदेह है क्योंकि अमेरिका की ओर से यह फोन कॉल पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर चर्चा के लिए की गई थी जो कुछ दिन पहले ही संपन्न हुई है। अमेरिका संभवत: यह महसूस नहीं करता है कि बांग्लादेश के मुद्दे को बातचीत में उस तरह से हाइलाइट किया जाय जिस तरह से भारत चाहता था।' पीएम मोदी ने बांग्लादेश में जारी हिंसा को लगातार उठाया है। सबसे पहले मोहम्मद यूनुस को बधाई देने के दौरान पीएम मोदी ने उनसे अपील की थी कि हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाय।
पीएम मोदी ने लाल किले से भी उठाया हिंदुओं का मुद्दा
इसके बाद पीएम मोदी ने लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के दिन भाषण के दौरान हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कहा था। इसके बाद मोहम्मद यूनुस से फोन पर पहली बातचीत के दौरान भी पीएम मोदी ने यह मुद्दा उठाया था। इससे पहले शेख हसीना ने खुलकर आरोप लगाया था कि अमेरिका सैन्य अड्डा बनाने की मांग कर रहा था और नहीं देने पर उनकी सरकार चली गई। हालांकि बाद में शेख हसीना के बेटे ने इसका खंडन किया। बांग्लादेश में सरकार रहने के दौरान भी शेख हसीना ने कहा था कि एक 'गोरे आदमी' ने बांग्लादेश का द्वीप मांगा था ताकि नेवल बेस बनाया जा सके।
बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बात की और यूक्रेन के लिए 'शांति के संदेश एवं मानवीय समर्थन' के वास्ते उनकी सराहना की। पीएम मोदी की 23 अगस्त की कीव यात्रा को कूटनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि बाइडन प्रशासन ने पिछले महीने उनकी रूस यात्रा की आलोचना की थी और कई पश्चिमी देशों ने इस पर नाराजगी जताई थी। कीव यात्रा के दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन और रूस को युद्ध समाप्त करने के लिए एक साथ बैठना चाहिए और भारत शांति बहाल करने में "सक्रिय भूमिका" निभाने के लिए तैयार है।
पीएम मोदी से बात कर क्या बोले बाइडन?
बाइडन ने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की हालिया यात्रा पर चर्चा करने के लिए फोन पर उनसे बात की और यूक्रेन के लिए शांति के संदेश और मानवीय समर्थन को लेकर उनकी सराहना की।' उन्होंने कहा, 'हमने हिंद-प्रशांत में शांति और समृद्धि में योगदान देने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।' मोदी की रूस, पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा तथा बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रम के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बातचीत थी।