शक्तिपीठ क्षेत्र में पब्लिक सर्विस को सुदृढ़ करेगा दंतेवाड़ा धाम प्रबंधन सोसायटी…
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इम्पेक्ट न्यूज। दंतेवाड़ा।
बीते 08 अप्रैल 2024 को दंतेवाड़ा जिले में पहली बार दंतेवाड़ा धाम प्रबंधन समिति के नवीन प्रारूप को लेकर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने जानकारी सार्वजनिक की थी। तीन माह बाद इस योजना को मूर्तरूप देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसके तहत जिला प्रशासन द्वारा दंतेवाड़ा धाम प्रबंधन सोसायटी के माध्यम से जिले में संचालित हो रहे समस्त शासकीय परिसम्पतियों एवं संसाधनों के रख रखाव करने के साथ-साथ उन्हें बहुउद्देशीय तथा उन्हें आम जनों के लिए अधिक उपयोगी बनाए जाने की योजना है।
दरअसल दंतेवाड़ा जिले में डीएमएफ से मिलने वाली राशि से समय—समय पर करोड़ों की लागत से कई निर्माण कार्य करवाए गए। इनमें रख—रखाव की कमी के चलते संधारण का अभाव महसूस किया जा रहा था। कई निर्माण तो सफेत हाथी की तरह हो गए। जिनमें मरम्मत के नाम पर अपव्यय की व्यवस्था खड़ी हो गई। पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शक्तिपीठ दंतेवाड़ा में कारिडोर के तहत निर्माण कार्य करवाया जा रहा है।
इसमें पूर्व प्रशासन के दौरान करोड़ों के निर्माण को 46 टुकड़ों में बांटकर करवाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ। इसके अलावा जिला खनिज न्यास के मद से करोड़ों के काम को कौड़ियों के हिसाब से करवाए जाने को लेकर बड़ी शिकायतें सामने आईं थी।
इसमें तमाम तरह की गड़बड़ियों की शिकायतों के चलते पूर्व कलेक्टर विनीत नंदनवार को हटाया गया। नंदनवार को हटाए जाने के बाद नई विष्णुदेव सरकार ने नए सिरे से दंतेवाड़ा में निर्माण कार्यों को लेकर समीक्षा की और जिला खनिज न्यास की राशि के दुरूपयोग रोकने को लेकर कड़े कदम उठाए। अब दंतेवाड़ा धाम प्रबंधन सोसायटी का नियंत्रण करवाए गए निर्माण कार्यों की देख—रेख और संधारण में रहेगा।
पूर्व में करवाए गए कार्यों में ट्रांजिट हॉस्टल, इंडोर स्टेडियम, ग्रंथालय, तरण ताल, मिलेट एवं आदिम कैफे हाउस की अव्यवस्था का उदाहरण साफ देखा जा सकता है। वहीं हाल ही में निर्मित ऑडिटोरियम (जिसे सिनेमा हॉल के तौर पर संचालित किया जा रहा है।), पर्यटन सूचना केंद्र के साथ-साथ ट्राइबल म्यूजियम, सी-मार्ट, कैफेटेरिया इत्यादि शामिल रहेंगे इन परिसम्पतियों के प्रबंधन एवं रख-रखाव हेतु व्यावसायिक दृष्टिकोण को भी ध्यान मे रखा जाएगा ताकि आजीविका संवर्धन इन्हें बहुउपयोगी बनाए जा सके।
इस कड़ी में कलेक्टर ने दंतेवाड़ा धाम प्रबंधन सोसायटी के माध्यम से आंवराभाटा स्थित ट्रांजिट हास्टल का नवीन सिरे से संचालन किया जाएगा और जिले के दन्तेवाड़ा, गीदम एवं बारसूर इंडोर स्टेडियम में अनेक प्रकार के प्रतियोगिताओं के आयोजन और संचालन में भी सोसाइटी की प्रमुख भूमिका रहेगी।
इसके अलावा इंडोर स्टेडियम परिसर में स्थित शॉपिंग काम्प्लेक्स एवं कैंटीन की नीलामी की प्रक्रिया, माता दंतेश्वरी मंदिर परिसर दन्तेवाड़ा में पर्यटन सूचना केन्द्र का संचालन, डाइट परिसर दन्तेवाड़ा में आदिम जनजातियों के जीवन में उपयोग होने वाले पुरातात्विक सामग्रियों के संकलन एवं संवर्धन किये जाने हेतु ट्राइबल म्यूजियम की स्थापना, नये लाइब्रेरी में पाठकों के पंजीयन एवं मासिक शुल्क का निर्धारण, पुराने लाइब्रेरी के संचालन के संबंध में निर्णय, जिले में सूचनाओं के प्रचार-प्रसार को अधिकतम लोगों तक पहुंचाने के लिए सामुदायिक रेडियों के संचालन का प्रस्ताव है।
दन्तेवाड़ा में ऑडिटोरियम का निर्माण किया गया जिसे पिक्चर हॉल के तौर पर उपयोग करने की व्यवस्था की गई थी। इसके एवज में प्राप्त होन वाली राशि और संचालनकर्ता के चयन को लेकर विवाद भी था। अब दंतेवाड़ा धाम प्रबंधन सोसायटी इसके आय व्यय का लेखा एवं नये सिरे से दर का निर्धारण की प्रक्रिया प्रारंभ कर चुका है।
इसके साथ ही पुराना सर्किट हाउस में स्थित तरणताल एवं स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स, आस्था गुरुकूल विद्यालय के सामने ऑफिसर्स क्लब, एकता परिसर पातररास, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस सर्विसेस अंतर्गत पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए उपयुक्त टैक्सी वाहनों का संचालन, आडिटोरियम एजूकेशन सिटी जावंगा गीदम को किराया में दिये जाने, हाई स्कूल मैदान एवं चितालंका खेल स्टेडियम का किराया निर्धारण एवं रखरखाव की जिम्मेदारी भी इसी सोसायटी के माध्यम से करने की प्रक्रिया चल रही है।
इम्पेक्ट से चर्चा में कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कहा
दंतेवाड़ा धाम प्रबंधन सोसायटी कलेक्टर अध्यक्ष और सचिव जिला पंचायत सीईओ के साथ अन्य 10 विभागीय अधिकारी शामिल हैं। यह संस्था दंतेवाड़ा शक्तिपीठ क्षेत्र में टेंपल कमेटी से पृथक कार्य करेगी। टेंपल कमेटी के तहत किए जाने वाले कार्य इसकी सीमा से बाहर होंगे। इसके तहत दंतेवाड़ा इलाके में परिवहन, पर्यटन, सुलभ संचालन, लाइब्रेरी समेत अन्य तरह के व्यवस्था संबंधित दायित्वों के संचालन कर्ताओं पर नियंत्रण और निगरानी रखेगा। यह प्रबंधन सोसायटी किसी भी तरह के निर्माण का काम अपने स्तर से नहीं करेगा। यह सोसायटी राजधानी की Raipur Urban Public Service Society (RUPSS) तर्ज पर दंतेवाड़ा धाम पहुंचने वाले दर्शनार्थियों के लिए सुगम व्यवस्था के साथ—साथ पर्यटन की दृष्टि से विकास के लिए प्रयास करेगा। दंतेवाड़ा धाम प्रबंधन सोसायटी डीएमएफ के तहत करवाए गए निर्माण कार्यों के साथ—साथ अन्य व्यवस्थाओं को संचालित करने के लिए योग्य अर्हताधारकों के साथ एमओयू साइन करेगा, उनके कार्यों पर नियंत्रण रखेगा। इसके व्यवस्थाओं के संचालन से होने वाली आय दंतेवाड़ा धाम सोसायटी के खातें में जमा होगी। जिससे सेवाओं के संचालन का विस्तार किया जा सकेगा। बस संचालन के लिए छह बसों की व्यवस्था डीएमएफ कर दी जाएगी। इनके संचालन के लिए एमओयू भी दंतेवाड़ा धाम प्रबंधन सोसायटी करेगी। ताकि पर्यटकों के साथ—साथ आम लोगों के लिए परिवहन की व्यवस्था सुगम हो सके।