बालश्रम की रोकथाम के लिए नागरिक का जागरूक होना आवश्यक…रोकथाम हेतु चलाया जा रहा सघन अभियान…
इम्पेक्ट न्यूज़.सुकमा।
कलेक्टर चन्दन कुमार के निर्देशानुसार विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर ‘‘बालश्रम’’ के प्रभावी रोकथाम हेतु सुकमा जिले में 12 जून से 19 जून तक सघन अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग एवं श्रम विभाग की संयुक्त टीम निर्धारित कार्ययोजना अनुसार विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करेगी। इन क्षेत्रों में सुकमा, छिन्दगढ़, तोंगपाल, कोंटा एवं दोरनापाल सम्मिलित हैं। उल्लेखनीय है कि 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस दिवस मनाया जाता है।
बालक एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियम) अधिनियम 1986 संशोधित अधिनियम 2016 के प्रावधान अन्तर्गत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है। इनसे मात्र गैरखतरनाक घरेलू व्यवसाय में शिक्षा अवधि उपरांत सहयोग लिया जा सकता है, एवं 14 वर्ष से 18 वर्ष आयु के किशोरों का अधिसूचित खतरनाक व्यवसाय, प्रक्रियाओं में नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है। यह आवश्यक है, कि बालश्रम में संलग्न बच्चों की पहचान कर उन्हेें संरक्षण प्रदान करते हुए शिक्षा एंव अन्य सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। इस अभियान के सफल संचालन हेतु जिला बाल सरंक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग जिला सुकमा को नोडल विभाग नियुक्त करते हुए पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग,समाज कल्याण विभाग एवं नगर पालिका परिषद का संयुक्त दल गठित किया गया है।
कलेक्टर चन्दन कुमार ने कहा कि बाल श्रम की रोकथाम के लिए प्रत्येक नागरिक का जागरूक होना आवश्यक है। बच्चों के किसी भी प्रकार के अवैधानिक नियोजन, हिंसा, अपराध और दुर्व्यवहार की घटनाओं के प्रति प्रत्येक व्यक्ति सजग एवं सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसके साथ ही बच्चों के विपरीत परिस्थिति में होने की जानकारी तत्काल नजदीकी थाने, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, जिला बाल संरक्षण इकाई या जिला प्रशासन को देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी जागरूकता से ही उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है।