यूक्रेन में तबाही का 18वां दिन : भीषण बमबारी से मिटा वोल्नोवाखा का वजूद, शरणार्थियों के काफिले पर गोलाबारी में 7 की मौत…
इंपैक्ट डेस्क.
कई दिन तक लगातार बमबारी कर रूसी सेना ने वोल्नोवाखा कस्बे का वजूद ही मिटा दिया है। पूरे शहर में कोई इमारत साबुत नहीं बची, चारों तरफ सिर्फ भवनों के मलबे सुलगते नजर आते हैं। एक लाख की आबादी वाली वोल्नोवाखा अब एकदम सुनसान है। यहां के 80 फीसदी से ज्यादा लोग शहर छोड़कर भाग चुके हैं।
दोनेत्स्क क्षेत्र के गवर्नर पाव्लो कायरिलेंको ने कहा, विनाशकारी युद्ध की वजह से आज एक पूरे शहर का वजूद मिट गया है। शहर के सुलगते अवशेषों पर रूसी समर्थक अलगाववादियों में कब्जे की होड़ मची है। सोशल मीडिया पर मलबे के ढेर में तब्दील हुए वोल्नोवाखा में रूसी सेना के प्रवेश के फोटो और वीडियो चर्चा में हैं। इन्हें देख हर कोई दंग है कि कैसे कुछ दिन पहले तक एक साफ-सुथरा, शांत, व्यवस्थिति शहर खंडहर में बदल गया है।
एक लाख की आबादी वाले कस्बे में अब चारों ओर सुलगते मलबे के ढेर
पाव्लो कहते हैं, शहर में करीब एक लाख लोग रहते थे। हमले के बाद ज्यादातर लोगों को शहर से निकाल लिया गया था। लोग पहले ही जा चुके थे अब रूस ने खाली इमारतों को तबाह कर शहर का अस्तित्व ही मिटा दिया है। कुछ लोग हैं, जो किसी भी कीमत पर यहां से नहीं जाना चाहते, वे बिना पानी और बिजली के मुश्किल से गुजार कर रहे हैं। ठंड से बचने के लिए मलबे से निकली लकड़ियां जला लेते हैं।
मैरियूपोल में भी तबाही
वोल्नावाखा की तरह मैरियूपोल में भी अंधाधुंध गोलाबारी की जा रही है और यह शहर भी धीरे-धीरे खंडहर में बदलता जा रहा है। मैक्सर की तरफ से जारी किए गए सैटेलाइट फोटो में शहर के रिहायशी इलाकों में हमले के निशान साफ दिखते हैं।
शरणार्थियों के काफिले पर गोलाबारी में सात की मौत
राजधानी कीव के उत्तर पूर्व में 20 किलोमीटर दूर पेरेमोहा गांव से जान बचाकर भाग रहे सैकड़ों लोगों के काफिले पर रूसी गोलाबारी में एक बच्चे सहित सात लोगों की मौत हो गई। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, हमले के बाद काफिला वापस लौटने के लिए मजबूर हो गया।