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यूनिस खान ने एक बड़ा दावा दिवंगत कोच बॉब वूल्मर को लेकर किया, वूल्मर की मौत के बाद 3 दिनों तक हुई थी पूछताछ

नई दिल्ली
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान यूनिस खान ने एक बड़ा दावा टीम के पूर्व दिवंगत कोच बॉब वूल्मर को लेकर किया है। पाकिस्तान के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले यूनिस खान ने कहा है कि अगर बॉब वूल्मर की मौत नहीं होती तो उनके देश की क्रिकेट काफी ऊंचाइयों पर पहुंच जाती। पाकिस्तान के आयरलैंड से हारने और 2007 क्रिकेट विश्व कप से बाहर होने के कुछ घंटों बाद वूल्मर जमैका में अपने होटल के कमरे में मृत पाए गए थे।

यूनिस खान ने बॉब वूल्मर की कोचिंग की बात करते हुए कहा, "मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर वूल्मर मुख्य कोच बने रहते, तो आज पाकिस्तान क्रिकेट बहुत अलग होता और वह इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाते।" यूनिस खान 2007 में टीम के सदस्य थे। उन्होंने वूल्मर की मौत के बाद जांच के दौरान खिलाड़ियों को अधिकारियों से मिले समर्थन में कमी पर भी अप्रत्यक्ष रूप से निराशा व्यक्त की। उन्होंने आगे बताया कि उनसे तीन दिन तक पूछताछ हुई थी और ये टॉर्चर था।

पूर्व कप्तान ने पाकिस्तान के एक टीवी चैनल पर कहा, "मैं बॉब (वूल्मर) के बहुत करीब था और मैच या नेट के बाद साथ बैठकर क्रिकेट पर चर्चा करना हमारा रुटीन था। दुर्भाग्य से, जिस रात उनका निधन हुआ, हम साथ नहीं बैठे, क्योंकि हम आयरलैंड से हार गए थे। मैं भी शून्य पर आउट हो गया था और खुद से बहुत परेशान था। इसलिए, मैं अपने कमरे में चला गया और खुद को बंद कर लिया। अगले दिन, मैं उन्हें नाश्ते पर नहीं देख पाया और बाद में हमें उनकी मृत्यु के बारे में पता चला।"

यूनिस खान ने कहा कि वूल्मर की मौत और वेस्टइंडीज में खिलाड़ियों को जिस तनाव से गुजरना पड़ा, उसने लंबे समय तक पाकिस्तान की कप्तानी करने के बारे में उनका मन बदल दिया। वूल्मर की मौत को बाद में प्राकृतिक कारणों से माना गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यही बात सामने आई, जो कैरेबियन पुलिस ने बताई थी। वूल्मर चाहते थे कि यूनिस खान लंबे समय तक तीनों फॉर्मेट के कप्तान बने रहें, लेकिन उनका मन बदल गया था।  

उन्होंने आगे बताया, "विश्व कप में जो कुछ हुआ उसके बाद मैंने अपना मन बदल लिया और मैं अनिच्छुक कप्तान बन गया तथा मेरे मन में लंबे समय तक कप्तान बने रहने का कोई विचार नहीं था।" यूनिस ने अपने बयान में आगे कहा कि वूल्मर की मौत के बाद खिलाड़ियों को दूसरे द्वीप पर ले जाया गया, जहां स्थानीय पुलिस ने उनसे तीन दिनों तक पूछताछ की। उन्होंने कहा, "यह हमारे लिए एक टॉर्चर की तरह था, जबकि मैं पूरी तरह से समझता हूं कि एक खिलाड़ी को अपने देश के एंबेसडर के रूप में क्या जिम्मेदारियां निभानी होती हैं, यह इसके विपरीत होना चाहिए… अधिकारियों को भी हमारी देखभाल करनी चाहिए।"