दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे बनाने पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण इस प्रोजैक्ट पर काम रूका हुआ था, अब शुरू हुआ
गुरदासपुर
जिला गुरदासपुर में लम्बे समय से किसान संगठनों द्वारा दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना के बनाने पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण इस प्रोजैक्ट पर काम रूका हुआ था। पंरतु अब जिस तरह से भामड़ी के पास नहर पर विशाल पुल इस प्रोजैक्ट अधीन बनाने का काम शुरू हो गया है,उससे लगता है कि इस प्रोजैक्ट पर जिला गुरदासपुर में भी तेज गति से काम शुरू हो जाएगा।
जिस तरह से हरचोवाल के पास भामड़ी नहर पर इस विशाल पुल को बनाने का काम शुरू हो गया है उससे लगता है कि जो देरी किसानों के विरोध के कारण हुई थी उसे कम करने के लिए तेज गति से काम शुरू कर इस परियोजना के 2024 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत किया जा रहा है। 40 हजार करोड़ रुपये की यह परियोजना तीन राज्यों दिल्ली, पंजाब और जम्मू-कश्मीर को जोड़ेगी। इस एक्सप्रेसवे से लाखों लोगों को फायदा होगा जबकि दिल्ली-कटरा के बीच 58 किलोमीटर की दूरी कम होगी तथा यह रास्ता 6 घंटे में पूरा होगा। जबकि दिल्ली-अमृतसर के बीच की दूरी 4 घंटे में तय होगी। जो पुल भामड़ी नहर पर बनाया जा रहा है उसकी लंबाई एक किलोमीटर होगी तथा पुल चार मार्ग का होगा। जो भामड़ी से विश्राम घर तक बनेगा।
एक्सप्रेसवे पंजाब के इन जिलों से होकर गुजरेगा:-
पटियाला-कैथल-खान अउरी हरियाणा में कैथल-पटियाला-खान ओरी सहित पंजाब के संगरूर-रोशनवाला-भवानीगढ़, मलेरकोटला-और नाभा के उत्तर-पश्चिम, लुधियाना-रायकोट-जोधन-लुधियाना रोड, जालंधर-नकोदर-फगवाड़ा, कपूरथला-फिरोजपुर-सुल्तानपुर लोधी-कपूरथला रोड, तरनतारन-गोइंदवाल साहिब-कपूरथला रोड, अमृतसर-अमृतसर बाईपास, अमृतसर-बटाला-गुरदासपुर रोड, गुरदासपुर-अमृतसर और श्री हरगोबिंदपुर-अमृतसर-श्री हरगोबिंदपुर-उरमड़ टांडा-होशियारपुर रोड, पठानकोट-भोआ-सुंदर चक से गुजरेगा।दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए माझे में जमीन का अधिग्रहण किया गया है। किसानों और प्रशासन के बीच जमीन के रेट को लेकर सहमति बनी, जिसके चलते गुरदासपुर और तरनतारन जिले सबसे ज्यादा पिछड़ रहे हैं। आपको बता दें कि गुरदासपुर में सिर्फ 4 प्रतिशतजमीन, तरनतारन में 9 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण कर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंप दिया गया है। जबकि जिला गुरदासपुर में लगभग 402 करोड़ रूपये के किसानों को भुगतान के बावजूद किसानों ने अधिग्रहण की गई जमीन का कब्जा हाईवे अथारिटी को नही दिया है।
इस एक्सप्रैस हाईवे के पूरा होने के बाद दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे की दिल्ली-अमृतसर दूरी चार घंटे में पूरी होगी। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की तर्ज पर बनाया जा रहा है। नवनिर्मित एक्सप्रेसवे में 21 नए प्रवेश और निकास रास्ते होंगे। जहां से वाहन चालकों को बाहर निकलने और शहर में प्रवेश करने का रास्ता दिया जाएगा। इससे न तो यातायात बाधित होगा और न ही कोई दुर्घटना होगी। अमृतसर-बठिंडा-जामनगर , लुधियाना-रूपनगर हाईवे, लुधियाना-बठिंडा ग्रीन फील्ड हाईवे और अंत में चंडीगढ़-अंबाला कोटपुतली ग्रीन हाईवे। ये सभी कॉरिडोर अगले 2 साल में पूरे हो जाएंगे। जिसके बाद पंजाब हाईवे की सूरत बदलने वाली है। पंजाब में राष्ट्र्रीय राजमार्गों की बात करें तो 2014 में उनकी लंबाई 1699 किलोमीटर थी। अभी एनएच 4239 किलोमीटर लंबा है, लेकिन अगले 2 साल में और 5 कॉरिडोर पूरे होने से यह लंबाई कई किलोमीटर और बढऩे वाली है। 699 किमी लंबे इस दिल्ली-अमृतसर-कटरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इसके बनने के बाद दिल्ली से अमृतसर 4 घंटे में और कटरा से दिल्ली 6 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। फिलहाल दिल्ली और कटरा के बीच की दूरी 727 किमी है और इस सड़क के बनने से यह दूरी 58 किमी कम हो जाएगी।