कोरोना के संग जीना सीखना होगा… तीन में से एक मरीज ठीक हो रहा है… अब तक करीब 57 हजार हुए संक्रमित… मौतें 1886…
न्यूज डेस्क. नई दिल्ली।
‘जब हम प्रतिबंधों में छूट की बात कर रहे हैं, श्रमिकों की वापसी की बात कर रहे हैं, हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौती है, हमें यह भी समझना होगा कि हमें इस वायरस के साथ जीना सीखना होगा। इसके लिए हमें गाइलाइंस को व्यवहार में बदलाव के रूप में स्वीकार करना होगा। इसके लिए समुदाय के स्तर पर सहयोग की जरूरत है। सभी जिलों में हमें व्यवहार में बदलाव लाना होगा।’ उक्त बातें आज नियमित प्रेस ब्रिफिंग में लव अग्रवाल स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कही।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कल तक के एक्टिव कोरोना मरीजों की स्थिति की बात करें तो 3.2 फीसदी ऑक्सीजन सपोर्ट ले रहे हैं, 4.7 फीसदी मरीज आईसीयू में हैं और 1.1 पर्सेंट वेंटिलेटर पर हैं।
देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, हालांकि रिकवरी रेट में लगातार हो रही वृद्धि से उम्मीद की किरण भी दिख रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि 24 घंटों में 1273 मरीज ठीक हुए हैं और अब तक 16,540 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि 37,916 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके साथ ही अब कोरोना रिकवरी रेट 29.36 पर्सेंट हो चुका है। यानी हॉस्पिटल में भर्ती हुए हर तीन में से 1 मरीज अब ठीक हो चुका है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि 24 घंटे में देश में 3390 केस सामने आए और इसके साथ देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 56342 हो गई है। इनमें से 16540 लोग ठीक हुए हैं तो 1886 मरीजों की मौत हुई है।
359 जिलों में कोरोना पर लगाम
लव अग्रवाल ने बताया कि देश में 216 ऐसे जिले हैं जहां अभी तक कोरोना का कोई केस सामने नहीं आया है। 42 जिलों में 28 दिनों से कोई केस नहीं मिला तो 29 जिलों में 21 दिन से कोई केस नहीं आया है। 26 जिलों में 14 दिनों कोरोना का कोई मरीज नहीं मिला तो 46 ऐसे जिले जहां 7 दिन से कोई केस नहीं है।
जून जुलाई में पीक पर होंगे केस?
कोरोना वायरस केसों के जून-जुलाई में पीक पर पहुंचने के एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के दावे को लेकर पूछे गए सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा, ”यदि हम आवश्यक दिशा-निर्देश का पालन करें तो हो सकता है हम पीक पर ना जाएं, लेकिन यदि इनका पालन ना किया जाए तो केसों में तेजी की संभावना बनी रहती है।”