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क्या एक और चायवाला बनेगा माननीय…BJP में एक फिर जताया भरोसा

रायपुर
छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सभी नगर निगमों के मेयर पद के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। रायगढ़ से जीवर्धन चौहान को महापौर पद का टिकट देकर पार्टी ने चौंकाने वाला फैसला लिया है। जीवर्धन चौहान का नाम न तो उम्मीदवारों की दौड़ में था और न ही उनके नाम की कोई चर्चा हो रही थी। राजनांदगांव सीट से पूर्व सांसद मधुसूदन यादव को टिकट देकर भाजपा ने चौंका दिया है। मधुसूदन महापौर भी रह चुके हैं। भाजपा की सूची में ज्यादातर युवा और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी गई है।

रायगढ़ से भाजपा के महापौर प्रत्याशी जीवर्धन चौहान एक चाय की दुकान चलाते हैं। उन्हें टिकट देकर पार्टी ने यह संदेश दिया है कि समर्पित और जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को बड़ा मौका कभी भी मिल सकता है। रायगढ़ का जीवर्धन चौहान का जीवन संघर्षों और समर्पण की कहानी है। वह एक समय नशा मुक्ति आंदोलन के अग्रणी रहे हैं और भाजपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल के साथ मिलकर इस अभियान को सफल बनाया।

राजनीतिक गलियारों में चाय की चर्चा
जीवर्धन चौहान को प्रत्याशी बनाना रायगढ़ में चर्चा का विषय बना हुआ है। पार्टी नेताओं का कहना है कि चाय बेचने वाले को आम आदमी की समस्याएं बखूबी समझ में आती हैं और यही जीवर्धन को टिकट मिलने का सबसे बड़ा आधार है। भाजपा नेताओं ने उम्मीद जताई है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाय बेचने से लेकर देश की बागडोर संभाली, उसी तरह जीवर्धन रायगढ़ के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। भाजपा के इस निर्णय ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा को तेज कर दिया है।

RSS से जुड़े होने का मिला लाभ
रायगढ़ महापौर प्रत्याशी जीवर्धन चौहान का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से बचपन से ही गहरा जुड़ाव रहा है। उन्होंने संघ की शाखाओं में स्वयंसेवक के रूप में काम किया और समाज के लिए जीने-मरने का जज्बा संघ के सानिध्य में सीखा। संघ के साथ उनके इस जुड़ाव ने उन्हें समाज में काम करने और जनता की समस्याओं को समझने का एक मजबूत आधार दिया। भाजपा ने जीवर्धन चौहान को टिकट देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी में उन कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जाता है जो निस्वार्थ भाव से काम करते हैं। पार्टी जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को ऊपर ले जाना चाहती है।