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जिम ट्रेनर के प्यार में पत्नी ने ली पति की जान, पहले ऐक्सिडेंट कराया, फिर घर में मरवाया

पानीपत
हरियाणा के पानीपत में जिम ट्रेनर के प्यार में पति विनोद बरारा का कत्ल कराने वाली निधि की करतूत हैरान करने वाली है। तीन साल बाद इस मामले का खुलासा हुआ है तो परत दर परत हर राज खुल रहा है। पुलिस की जांच के मुताबिक जिम ट्रेनर सुमित के प्यार में पड़ी निधि ने पहले भी एक बार पति विनोद का कत्ल कराने की कोशिश की थी। इसके तहत सुमित और निधि ने एक ट्रक चालक को 10 लाख में सुपारी दी थी और उससे विनोद की कार का ऐक्सिडेंट कराया था। 5 अक्टूबर, 2021 को कराए इस ऐक्सिडेंट में विनोद गंभीर रूप से घायल हुए था, लेकिन जान बच गई थी।

इस तरह निधि और सुमित का प्लान फेल हुआ तो वे फिर से मारने की जुगत भिड़ाने लगे। इस बीच उनके दिमाग में आइडिया आया कि ट्रक चालक से विनोद को गोली ही मरवा दी जाए। इस पर उसे फिर से लालच दिया गया और घर में ही विनोद की गोली मरवाकर हत्या करा दी। इसके बाद दावा किया गया कि ट्रक चालक देव सुनार ऐक्सिडेंट के मामले में कोर्ट से बाहर समझौते के लिए आया था। इससे विनोद ने इनकार किया तो उसने गोली ही मार दी। पुलिस ने इस कहानी पर यकीन भी कर लिया था, लेकिन तीन साल बाद विनोद के ऑस्ट्रेलिया रह रहे भाई प्रमोद ने फिर पुलिस से संपर्क किया तो फाइल दोबारा खुली।

बहू की आलीशान जिंदगी से बढ़ा परिवार वालों का शक
पति की मौत का गम मनाने का कुछ अरसे तक नाटक करने के बाद उसने बेटी को ऑस्ट्रेलिया भेज दिया था। फिर जिम ट्रेनर के साथ ही रहने लगी थी। उसकी लाइफस्टाइल भी बदल गई थी। इससे परिवार को शक होने लगा था। फिर पुलिस ने जांच शुरू की तो मामला खुला और निधि एवं सुमित ने पकड़े जाने पर सब कुछ कबूल लिया। निधि ने बताया कि उसने पति को इसलिए मरवा डाला ताकि जिम ट्रेनर सुमित से शादी कर ले। विनोद बरारा एक कंप्यूटर इंस्टिट्यूट चलाते थे। दोनों की एक बेटी भी थी। लेकिन सालों पुरानी इस शादी में तब खलल पड़ गया, जब निधि जिम में जाने के दौरान ट्रेनर सुमित के प्यार में पड़ गई।

दो महीने के अंदर ही दूसरी बार हमला, मरवाकर ही माने
पुलिस की जांच में पता चला है कि विनोद को अपनी पत्नी के अवैध संबंध की भनक लग गई थी। इसके चलते घर में विवाद भी होते थे। यहां तक कि विनोद ने सुमित से भी कहा था कि वह पत्नी से दूर रहे। पर दोनों नहीं माने और विनोद को ही अपनी राह से दूर करने का खतरनाक प्लान बना लिया। दोनों ने पहले उसका ऐक्सिडेंट कराया। उसमें वह बच गया तो दो महीने बाद ही घर पर ही गोली मरवा दी। इस मामले में पानीपत के एसपी अजित सिंह शेखावत के आदेश पर ही दोबारा जांच शुरू हुई थी, जिस पर यह खतरनाक मर्डर मिस्ट्री खुलकर आ गई।