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लाइफ में कभी सक्सेसफुल नहीं होते कमजोर इंसान

कमजोर होने का मतलब केवल शरीर से नहीं होता, ऐसा इंसान जो भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं। उन्हें भी वीक पर्सनैलिटी में ही रखा जाता है। कमजोर इंसान की कुछ आदतें होती हैं। अगर गलत चीजों को देखकर उसे सही करने का हिम्मत नहीं रखते या इच्छाशक्ति नहीं होती है। तो ऐसे इंसान कमजोर कहलाते हैं। कमजोर इंसानों में अक्सर एक सी आदतें देखने को मिलती है। ये 8 आदतें कमजोर पर्सनैलिटी की ओर इशारा करती हैं।

बुरी आदत पर कंट्रोल ना करना
कमजोर इंसान वो होते हैं जो अच्छी तरह से जानने के बाद भी अपनी बुरी आदतों पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं और बुरी लत में फंते रह जाते हैं।

खुद को विक्टिम साबित करते हैं
जो लोग कमजोर मानसिकता के होते हैं वो हमेशा खुद को विक्टिम और बेचारे दिखाते हैं। ऐसे लोग जब किसी काम में फेल होते हैं तो उसका दोष दूसरों पर लगा देते हैं।

दूसरों के बारे में बात करना
कमजोर लोग हमेशा दूसरों के बारे में बात करना पसंद करते हैं। बुराई, गपशप करने में वो हमेशा आगे रहते हैं।

खुद की आलोचना बर्दाश्ता ना करना
जो लोग कमजोर मानसिकता के होते हैं वो खुद की आलोचना सुनना पसंद नहीं करते। मेहनतकश लोग अपनी आलोचना से सीखते हैं लेकिन कमजोर इंसान को खुद की आलोचना पसंद नहीं आती।

दूसरों के प्रभाव में आ जाना
कमजोर इंसान की खासियत होती है कि वो अपने बारे में ना सोचकर दूसरों के बारे में सोचना, उनकी लाइफस्टाइल, बातों से प्रभावित हो जाते हैं।

डिसिप्लिन की कमी
इंसान वहीं कमजोर होता है जो खुद को डिसिप्लिन में ना रख पाए। अगर इंसान के अंदर अनुशासन में रहने और पालन करने की क्षमता ना हो तो वो कमजोर इंसान माना जाता है।

हार्ड वर्क की बजाय पहले आनंद खोजना
कमजोर इंसान हार्ड वर्क से घबराते हैं। उन्हें लगता है कि मेहनत करने की बजाय पहले आनंद उठा लिया जाए। जिसकी वजह से अक्सर लाइफ में फेलियर हाथ लगता है।

सेल्फ रिस्पेक्ट और सेल्फ कॉन्फिडेंस दोनो ही कम होते हैं
कमजोर इंसान में आत्मविश्वास की कमी होती है। साथ ही ऐसे लोग के अंदर खुद का भी सम्मान नहीं होता है।