Madhya Pradesh

प्राचीन बावडि़यों को चिन्हित कर किये जा रहे हैं जल संरक्षण के कार्य

भोपाल
प्रदेश स्तर पर 30 मार्च से शुरू हुआ जल गंगा संवर्धन अभियान लगातार जारी है। अभियान में 30 जून तक निरंतर गतिविधियाँ हों, इसके लिये जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। अभियान में चिन्हित की गयीं बावड़ियों की सफाई कर अंतिम रूप दिया जा रहा है। जन-सामान्य को इनके ऐतिहासिक महत्व के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में भी अब तक किये गये कार्यों की समीक्षा की गयी है।

दीपों से जगमगायी प्राचीन बावड़ी
मंडला जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान में जन-भागीदारी से नदी-तालाबों के आस-पास सफाई कार्य किये जा रहे हैं। महाराजपुर संगम घाट स्थित बावड़ी में "बावड़ी उत्सव" का आयोजन कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा के निर्देर्शन में हुआ। परम पूज्य संत श्री भीमदेव जी आचार्य काशी विश्वनाथ वैदिक गुरुकुल और माँ नर्मदा गौशाला जिलहरी घाट, गाजीपुर और अन्य संतों के साथ बावड़ी उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में माँ नर्मदा के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। कार्यक्रम में बताया गया कि प्राचीन काल में बावड़ियाँ वर्षा के पानी को एकत्रित करने और भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए बनाई जाती थीं। शुष्क क्षेत्रों में, वे जल उपलब्धता में मौसमी उतार-चढ़ाव से निपटने में मदद करती थीं। बावड़ियाँ सामाजिक मेलजोल के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान हुआ करती थीं। कार्यक्रम में बताया गया कि बाबडी का निर्माण कार्य वर्ष 1890 में किया गया था। इस बावड़ी की संरचना ऐसी हैं कि इसमें नर्मदा जलधारा हमेशा बनी रहती हैं।

जल गंगा संवर्धन अभियान के सभी निर्माण कार्य जल्द हों पूरे
नीमच जिले मेंजल गंगा संवर्धन अभियान में सभी कार्य तेजी से पूरे किये जा रहे हैं। कलेक्टर श्री हिमांशु चंद्रा ने जनपद सीईओ एवं सभी सहायक यंत्रियो को निर्देश दिये कि वे उन कामों का दौरा कर निरीक्षण करें, जहाँ जल स्रोतों की सफाई का कार्य अभी भी चल रहा है। बैठक में सेक्टरवार नवीन खेत-तालाब निर्माण, डगवेल रिचार्ज और प्राचीन जल-स्रोत संबंधी कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया गया। जिले में 22 अमृत सरोवरों, 731 खेत-तालाब और 1900 कुआँ रिचार्ज के कार्य जारी हैं।

बावड़ी उत्सव मनाया गया
उज्जैन जिले में मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान में बावड़ी उत्सव मनाया गया। यह उत्सव ग्राम रुई स्थित प्राचीन श्री भैरव बाबा की बावड़ी पर किया गया। महिलाओं द्वारा शिव मंदिर पर पूजन-अर्चन कर बावड़ी तक ढोल के साथ कलश यात्रा निकाली गई। ग्रामीणों को जल संरक्षण का महत्व बताते हुए प्राचीन जल संरचनाओं की उपयोगिता एवं आवयश्कता बताई गई। ग्रामीणों को जल संरचनाओं में कूड़ा-कचरा और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को न डालने की शपथ दिलाई गई। जिला पंचायत सदस्य श्री अमर सिंह ने वाटर हॉर्वेस्टिंग, नए तालाबों का निर्माण एवं वर्षा के जल को सहजने की बात कही। महिदपुर में गंगा दशहरा में बावड़ी उत्सव का आयोजन ग्राम सुहागपुरा स्थित पटेलों की बावड़ी पर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पौध-रोपण, दीपोत्सव, सुंदरकांड का आयोजन किया गया।

जल स्रोतों का निरीक्षण
टीकमगढ़ जिले में कलेक्टर श्री विवेक श्रोत्रिय ने जल गंगा सबर्धन अभियान अंतर्गत कुओं की सफाई व वर्षा पूर्व कराई जा रही नालों की सफाई का निरीक्षण किया। उन्होंने कन्या महाविद्यालय के पास स्थित नाला, पशु चिकित्सालय के पास की बावड़ी, बंडा नहर की चल रही सफाई कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों की सफाई और मरम्मत का कार्य आवश्यक रूप से आने वाले 7 दिन में पूर्ण कर लिया जाये। उन्होंने वर्षाकाल के दौरान जिले में व्यापक स्तर पर किये जाने वाले पौध-रोपण के लिये तैयार की गई कार्य-योजना की जानकारी ली।

जल स्रोतों को पुनर्जीवित करें
सागर में कमिश्नर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने कलेक्टर कार्यालय में आयोजित राजस्व अधिकारियों की बैठक में जल गंगा संवर्धन अभियान में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान 30 जून तक जारी रहेगा। इसके अंतर्गत सभी पुराने जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया जाए और उनका संरक्षण किया जाए। कमिश्नर श्री रावत ने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी जन-प्रतिनिधियों से समन्वय के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि अभियान के अंतर्गत कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। सागर कलेक्टर श्री संदीप जी.आर. ने बताया कि जिले में पानी रोकने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने इस अभियान के माध्यम से छोटे नदी, नालों, बावड़ियों को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी ग्राम पंचायत भवनों में रेन वाटर हॉर्वेस्टर सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत किए जाने वाले निर्माण कार्यों की एसडीएम मौके पर जाकर स्थल निरीक्षण करें। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जल स्रोतों के पास चेक डैम बनाया जाए, जिससे पानी रोका जा सके साथ ही रिचार्ज पिट भी बनाएं, जिससे जल संवर्धन का कार्य भी किया जा सके। उन्होंने कहा कि हम सभी को जागरूक रहते हुए इस दिशा में लगातार प्रयास करना होगा। जल संरक्षण के लिए समाज के सभी वर्गों की भूमिका है। उन्होंने जन सामान्य से भी अपील की है कि वे अपने घरों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के साथ-साथ रिचार्ज पिट/सम्पवेल भी अवश्य बनवाएं।